बड़वाह। निमाड़ का प्रसिद्ध दस दिवसीय गणगौर पर्व हुआ प्रारम्भ…माता की बाड़ी में पहुंचे श्रद्धालु…

कपिल वर्मा बड़वाह। निमाड़ के प्रसिद्ध लोक महापर्व गणगौर की शुरुआत हो गई हैं। आगामी 10 दिन तक गणगौर पर्व मनाया जाएगा। सात दिन तक बाड़ियो में पंडितो द्वारा माता की सेवा कर जवारों को सींचा जाएगा।
आठवे दिन बाड़ी के पट खोले जाएंगे। नगर के जवाहर मार्ग स्थित आचार्य दादू पंडित, पंडित आशीष जोशी व पदमा शर्मा की प्राचीन तीन बाड़ियो सहित अन्य जगहों पर करीब 500 माता की मुठ स्थापित की गई।
गणगौर माता के रथ परिवारों ने नगर के जवाहर मार्ग स्थित तीन बाड़ियों सहित अन्य बाड़ियों में पहुंचकर बाँस की टोकनियाँ, गेहूँ, नाड़ा आदि पूजन सामग्री पंडित जी को प्रदान किए। आचार्य दादू पंडित ने बताया की तीनो देवियों का आव्हान कर तीन मुट्ठी गेहूं एवं तीन मुट्ठी मिट्टी लेकर जवारे बॉय गए।
अब प्रतिदिन सुबह एवं शाम को इन ज्वारो की सामूहिक पूजा कर पवित्र जल से सीजा जाएगा। रात्रि में क्षेत्र की महिलाए बाड़ी मे एक साथ बैठकर भजन गीत गाएगी। दादू पंडित ने बताया की पांचवे दिन 29 मार्च अमावस्या पर विराजित प्रत्येक माता जवारो को शुद्ध जल से स्नान करवाया जाएगा। इसे माता को घुंघराना कहा जाता हैं। इस दिन घुंघरी एवं लाप्सी का भोग लगाया जाएगा।
1 अप्रैल को माता के दर्शन हेतु बाड़ी के पट खोले जायेंगे। इस दिन जिन्होंने माता की विराजित किया है उन श्रद्धालुओ समेत अन्य लोग भी दर्शन हेतु रथ लेकर आएंगे। साथ ही माताजी को अपने साथ घर लेकर जाएँगे।
2 अप्रैल को रथ बौड़ाए जाएंगे। मन्नत अनुसार लोग माता को घर लेकर आएंगे। माता की पूजा कर जोड़े जिमायेंगे। 3 अप्रैल को गणगौर घाट पर माता का विसर्जन होगा।