सेंधवा। विवेकानंद जी ने तीन बातों शारीरिक स्वास्थ्य, चरित्र निर्माण एंव शिक्षा को महत्वपूर्ण माना

सेंधवा। वीर बलिदानी खाज्या नायक शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सेंधवा में शुक्रवार को
स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ द्वारा स्वामी विवेकानंद जयंती के साप्ताहिक कार्यक्रम के अन्तर्गत
भाषण प्रतियोगिता आयोजित की गई । जिसमें विषय-था स्वामी विवेकानंद एवं उनका जीवन दर्शन तथा स्वामी विवेकानंद ने युवाओं से क्या चाह रखी गई थे ।
इस अवसर पर डॉ महेश बाविस्कर ने कहा कि विवेकानंद जी ने तीन बातों शारीरिक स्वास्थ्य, चरित्र निर्माण एंव शिक्षा को महत्वपूर्ण माना। जो युवाओं के लिए आवश्यक है क्योंकि वही उनको सक्षम बनाती है । लेकिन देखने में आ रहा है कि आज का युवा इन बातों से दूर जा रहा है । उन्होंने युवाओं कहा कि महाविद्यालय ही एक ऐसा स्थान है जो आपको शिक्षा के साथ साथ शारीरिक स्वास्थ्य और चरित्र निर्माण करने का अवसर देता है । डॉ वैशाली मोरे ने स्वामी जी के कथन को व्यक्त करते हुए कहा कि जो इंद्रियों पर नियंत्रण करना सिख गए उन्हें जीवन जीने की कला आ गई । उन्होंने स्वामी के जीवन से जुड़ी कई घटनाओं को बताते हुए विद्यार्थियों से कहा कि उनके विचारों पर अनुसरण करने की जरूरत है। यदि आप उनकी छोटी-छोटी बातें ग्रहण करें तो कुछ कुछ भाव आपके चरित्र में दिखने लगेंगे। डॉ राहुल सूर्यवंशी ने कहा कि युवा का अर्थ विस्तृत है। उसे आयु सीमा से बांधा नहीं जा सकता है। युवा वह होता है जो जीवन के संघर्ष और चुनौती से सामना करने के लिए तत्पर खड़ा हो । उन्होंने युवाओं से कहा कि नरेंद्र से स्वामी विवेकानंद बनने का सफर कोई साधारण नहीं है, लेकिन प्रेरणादाई जरुर है । डॉ जितेश्वर खरते ने कहा कि स्वामी जी का कहना था कि अपने आप को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है । मन में बैठी इस मानसिकता को तोड़ना होगी । प्रो जितेन्द्र सूर्यवंशी ने कहा कि युवाओं में चेतना जागृत करने की जरूरत है जैसे कि स्वामी विवेकानंद जी ने अपनी जागृत चेतना के माध्यम से दुनिया में देश का मान बढ़ाया । उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वर्तमान समय का युवा आभासी होते जा रहा है जबकि हमें वास्तविक होने की जरूरत है । राष्ट्र के प्रति समर्पण हमारी जिम्मेदारी है ।
प्रो शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि स्वामी जी ने बीजी हो तो इजी रहेगा का नारा था । आप जितना अपने काम के प्रति धीर गंभीर रहेगो वह काम उतना ही आसान होगा । विद्यार्थी सुभाष बरडे एंव ओम नामदेव एने अपने विचार रखे । संचालन करते हुए स्वामी विवेकानंद केरियर प्रकोष्ठ प्रभारी प्रो दीपक मरमट ने बताया कि स्वामी जी के अनुसार पहले पढ़ो,फिर मनन करो फिर चिंतन करो और फिर आत्मसात।यही जीवन की सफलता का आधार है।उन्होंने कहा कि स्वामी जी का शिकागो सम्मेलन में दिया संदेश आज भी उतना प्रासंगिक है जितना उस समय था । आभार प्रो वीरेंद्र मुवेल ने माना ।इस कार्यक्रम में डॉ एम एल अवाया , डॉ अखलाक खान,प्रो प्रियंका यादव सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे ।