
इन्दौर l मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ घंघोरिया ने किया 74 साल के उम्रदराज मरीज के रेअर केन्सर किडनी का रिमूवल कर बचाई जान l
महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सालय महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ अरविंद घंघोरिया प्रति सोमवार को एमजीएम मेडिकल कॉलेज से संबंधित एम वाय अस्पताल की ओ.पी.डी मे सर्जरी के मरीजो का परीक्षण ऐवम उनकी परेशानियो के बारे पूछते है तथा उपचार भी प्रदान करते है l उल्लेखनिय है कि डीन डॉ घंगोरिया एक लेपरोईकोपिक सर्जन है कई असाध्य रोगो के आपरेशन कर चुके है l
ऐसा ही एक 74 वर्ष के उम्रदराज मरीज नाम शंभु निवासी पालदा किडनी की बीमारी के साथ ओपीडी मे उनके पास आया जिसे लक्षणों में मूत्र में रक्त, पेट में दर्द और गुर्दे के क्षेत्र में गांठ ऐवम द्रव्यमान शामिल था । अन्य लक्षणों में थकान, बिना कारण वजन कम होना, बुखार और रात को पसीना आ रहा था साथ ही निगलने में कठिनाई सीने में दर्द ,पेट में भारीपन या फूलना महसुस हो रहा था l
डीन डा घनघोरिया जांच करने पर पाया की कैंसर से प्रभावित उसकी बायीं किडनी, स्प्लीन और बड़ी आंत के हिस्से को भी प्रभावित कर रही है तथा यह एक एग्रेसिव स्क्वैमस सेल रीनल कार्सिनोमा नामक यह कैंसर है जो रेयर होता हैं और अगर आपरेशन नही किया जाऐ तो मरीज की जान भी जा सकती है l
एग्रेसिव स्क्वैमस सेल रीनल कार्सिनोमा (aggressive squamous cell renal carcinoma) एक प्रकार का गुर्दे का कैंसर है जो स्क्वैमस सेल से शुरू होता है। यह आमतौर पर गुर्दे के बाहरी परत (पाएन्काइमा) में नहीं बल्कि गुर्दे के अंदरूनी हिस्से (पेल्विस) में पाया जाता है। यह एक दुर्लभ प्रकार का कैंसर है और इसे “एग्रेसिव” माना जाता है क्योंकि यह तेजी से बढ़ता है और शरीर के अन्य भागों में फैल सकता है।
डीन डॉक्टर घंघोरिया ने तुरंत समय गवाये मरीज को वार्ड मे भर्ती कर जरुरी जांचो के बाद आज उसका आपरेशन कर बडी कुशलता के साथ स्प्लीन और बड़ी आंत के हिस्से को प्रभावित न करते हुऐ केन्सर ट्यूमर के साथ किडनी का रिमूवल करते हुऐ मरीज की जान बचा ली l
चार घंटे चले इस आपरेशन मे डीन डा घनघोरिया ने बताया की आपरेशन अत्यधिक चुनौतीपूर्ण था उम्रदराज के कारण मरीज का बल्ड प्रेशर काफी फल्कचुऐट हो रहा था तथा इस आपरेशन मे गुर्दे में रक्त की आपूर्ति को अस्थायी रूप से अवरुद्ध करने की आवश्यकता होती है, जिससे रक्त की आपूर्ति लंबे समय तक अवरुद्ध रहने पर इसकी कार्यप्रणाली खतरे में पड़ सकती थी लेकिन ऑपरेशन के बाद अब मरीज पूरी तरह स्वस्थ है। उसे रेडियो और कीमोथेरेपी की जरूरत भी नहीं पड़ेगी ।
डीन डॉ घंगोरिया ने कहा चिकित्सक होना सौभाग्य की बात है एवं मानव सेवा ही माधव सेवा है और मरीजो की सेवा करना ही उनका पहला कर्तव्य ऐवम प्राथमिकता है और एक सर्जन रुपी डाक्टर सजृनकर्ता है और वह ऐसे ही गरीब मरीजों की सेवा करते रहेगे l
इस आपरेशन मे डीन डा घंघोरिया के साथ सर्जन डा नवीन गुप्ता का भी काफी सहयोग रहा साथ ही अन्य स्टाफ का भी अमूल्य योगदान रहा l