रामकथा जीवन को रिचार्ज करती है

इंदौर, । रामकथा जहां होती है, वहां स्नेह, दया और करूणा की वर्षा होती है। समुद्र का पानी खारा होता है, लेकिन आकाश के संपर्क में आकर वर्षा जल के रूप में मीठा बन जाता है। सज्जनों और श्रेष्ठ लोगों की संगत में आकर हमारा भी चरित्र ऊंचा बन सकता है। रामकथा संस्कृति और संस्कारों का पोषण करती है। इसे हम भक्ति, कर्म और ज्ञान का संयोग भी कह सकते हैं। जिस तरह मोबाइल की बैटरी डिस्चार्ज होने पर उसे रिचार्ज करना पड़ता है, उसी तरह रामकथा भी हमारे जीवन को रिचार्ज करती है।
हैं झांसी के तपोनिष्ठ संत बाबा रामदास ब्रह्मचारी के जो उन्होंने बर्फानी धाम के पीछे स्थित गणेश नगर में माता केशरबाई रघुवंशी धर्मशाला परिसर के शिव-हनुमान मंदिर की साक्षी में आज से प्रारंभ रामकथा के शुभारंभ सत्र में व्यक्त किए।
विद्वान वक्ता ने कहा कि रामकथा जीवन को मर्यादित और संस्कारित बनाती है। भगवान राम के चरित्र में कहीं भी दोष नहीं है और इसीलिए उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम कहा गया है। मर्यादा की लक्ष्मण रेखा का उल्लंघन भगवान राम ने कहीं नहीं किया। रामकथा भारत भूमि की आधार स्तंभ है। हमारे विवेक को सही दिशा में ले जाने और परिवार को सुखी एवं यशस्वी बनाने के लिए रामकथा का श्रवण सबसे श्रेष्ठ उपाय है।