संगठन छोटा हो या बड़ा, सदमार्ग पर चलकर ही मंजिल तक पहुंच सकेगा

इंदौर, । संगठन से ही समाज की शक्ति बढ़ती है। संगठन चाहे छोटा हो या बड़ा, यदि वह सदकर्मों को आत्मसात करते हुए चलेगा तो निश्चित ही अपनी मंजिल तक पहुंच सकेगा। द्वारकापुरी में निर्मित और नवश्रृंगारित मंदिर की भूमि के परीक्षण में ही विशेष अनुभूति हो गई थी कि यह एक चमत्कारिक मंदिर होगा। आज वह अनुभूति चरितार्थ हो रही है, जब इस मंदिर के नवश्रृंगार के साथ ही यहां चार प्रमुख तीर्थों के पट्ट की प्रतिष्ठा होने जा रही है। यह सब काम मात्र छह माह की छोटी सी अविध में ही साकार हो गया है, जिसके लिए सभी सहयोगी बंधु बहुमान के अधिकारी हैं।
मालव विभूषण आचार्य वीररत्न विजय म.सा. ने आज सुबह हवा बंगला मेनरोड, द्वारकापुरी स्थित शीतनाथ मणिभद्रवीर जैन श्वेताम्बर मंदिर के दो दिवसीय पट्ट प्रतिष्ठा महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर धर्मसभा को संबोधित करते हुए उक्त दिव्य विचार व्यक्त किए। सभा को तपस्वी रत्न मुनिराज विजय पद्मभूषण रत्न सूरीश्वर म.सा. ने भी संबोधित किया। प्रारंभ में शीतलनाथ जैन श्वेताम्बर मंदिर ट्रस्ट एवं श्रीसंघ की ओर से अध्यक्ष संजय नाहर, उपाध्यक्ष सुशील कुकड़ा, सचिव चेतन भंडारी, कांतिलाल लुणावत, वर्धमान मुथा, रितेश सेखावत, अभय राखेचा, अजय जैन, प्रमोद छाजेड़ आदि ने सभी समाजबंधुओं की अगवानी की। रिंग रोड, स्कीम 71 स्थित पद्मावती गार्डन से आचार्यद्वय का ससंघ मंगल प्रवेश जुलूस निकला, जिसमें महिला बैंड सहित तीन बैंड, तीन बग्घियां, आदिवासियों के रूप में नृत्य करते महिला मंडल की बहनें, मंगल कलशधारी महिलाएं और परंपरागत वेशभूषा में सैकड़ों महिला-पुरुष नाचते-गाते हुए शामिल हुए। महिलाएं हाथों में जिन शासन के संदेश लिखी तख्तियां हाथों में लिए हुए थी। बग्घियों पर भगवान त्रिभुवन स्वामी पार्श्वनाथ एवं शीतलनाथ प्रभु के चित्र तथा एक बग्घी पर भगवान पार्श्वनाथ की प्रतिमा विराजमान थी। मार्ग में जगह-जगह आचार्यद्वय का जिन परंपरा के अनुरूप स्वागत हुआ। मंगल प्रवेश जुलूस रिंग रोड से फूटीकोठी चौराहा होते हुए हवा बंगला मेनरोड स्थित द्वारकापुरी के नवश्रृंगारित मंदिर पहुंचकर धर्मसभा में बदल गया। दोपहर में 108 पार्श्वनाथ भगवान का महापूजन हुआ, जिसके लाभार्थी शांतादेवी अभय राखेचा रहे। संचालन लवेश बुरड़ ने किया और आभार माना संजय नाहर ने।