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गरीब मजदूरो से करवाया काम और नही दिया पैसा, हक के पैसे के लिए कलेक्टर व डीएफओ को दिया आवेदन।

मजदुरी 640 कंटुर 129 रेट की जिसकी  82 हजार 560 का भुगतान मजदूरों को होना है।

आशीष यादव धार

जहां एक ओर सरकार गरीब मजदूरों को मजदूरी का पैसा खातों के माध्यम से दिलवाया जाता है मगर वन विभाग के कुछ कर्मचारियों द्वारा मजदूरी के पैसे ना देते हुए उनको डराया धमकाया जा रहा है।वही मजदूरों का कहना है कि हमे जेब के पैसे खर्च कर काम किया वही अब अधिकारी हमारे पैसे नही दे रहे है। वही ग्राम सेमलपुरा में मजदुरो के ‌द्वारा कार्य किया गया जिसकी मजदुरी का भुगतान नहीं करने एवं मजदुरी की राशि दिलाने के संबंध में आवेदन दिया वही कलेक्टर व डीएफओ को आवेदन दिया है। वन विभाग के अतर्गत मजदुरी का कार्य किया गया था जिसमे हमारी सभी मजदुरों की मजदुरी का भुगतान वन विभाग के कर्मचारियों द्वारा नहीं दिया जा रहा है और धमकी देते है कि कही भी चले जाओं आपकी मजदुरी का पैसे नहीं मिलेंगे।

पौधा रोपण की मजदूरी थी:
वही आवेदन में मजदूरों द्वारा सेमलपुरा में 600 सो पौधों का रोपण किया गया है। जिसकी मजदुरी प्रतिदिन की मजदुरी 640 कंटुर 129 रेट की जिसकी टोटन राशि 82560 का भुगतान किया जाना है जो कि मजदुर झाबुआ जिले के हैं और पैसे देने से मना कर दिया गया है और गाली गलोच कर रहा है हम सभी काफी परेशान है। ब्रिड गार्ड नाकेदार विजेन्द्र बामनिया में  डिप्टी रेंजर धर्मेन्द्र रघुवंशी हमारे पैसे नही दे रहे है।

पूर्व में भी टेक्टर को लेकर हुआ था विवाद:
दो सप्ताह पूर्व भी धार वन परीक्षेत्र में वन विभाग द्वारा किसान का ट्रैक्टर उठाकर लेकर आने का मामला हुआ था जिसमे रेंजर द्वारा किसानों को अशब्द कहे थे व बन्दूक के मामले की धमकी दी गई थी। इसके बाद रेंजर का स्थानांतरण शहडोल हो गया था। वही इसको लेकर भी अभी मामला जांच में चल रहा है। डीएफओ के समक्ष  प्रस्तुत किया जिसमें जांच अभी चल रही है। वहीं एक मामला निपटा नही ओर मजदूरों का मामला का भुगतान नहीं देने का मामला सामने आया है।

भुगतान को लेकर आवेदन आया है:
मजदूरों के भुगतान को लेकर को आवेदन आया है उसके जांच की जा ही है कि मजदूरों को अभी तक भुगतान क्यो नही हुआ। इसमें कोई कर्मचारी अधिकारी दोषी होगा उसपर कारवाई की जायेगी। वही मजदूरों को उनका भुगतान दिलवाया जायेगा।
अशोक कुमार सौलंकी डीएफओ

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