व्यक्ति का तिरस्कार कर सकते हैं रोगों का नहीं-योग गुरू सोनी

सेंधवा। हम अपने स्वार्थवश, संस्कारों के अभाव में एवं किसी के दबाव में आकर किसी का भी तिरस्कार कर सकते हैं। लेकिन रोगों का नहीं। उक्त विचार योग गुरु कृष्णकांत सोनी ने माउंट लिट्रा स्कूल सेंधवा में निशुल्क योग प्रशिक्षण के दौरान स्कूल बस चालकों व परिचालकों से कहे।
योग गुरु सोनी ने आगे बताया कि मजदूर, चालक अन्य सभी प्रकार के कर्मचारी हमारे समाज की उन्नति एवं निर्माण की रीढ़ की हड्डी होती है। उनके स्वास्थ्य एवं दुखांे की तरफ किसी का भी ध्यान जाता नहीं है। उन्हें कड़ी मेहनत के दौरान उन्हें कठिनाइयों से गुजरना होता है। वह भी रोग मुक्त रहे, परिवार की देखरेख अच्छी हो, तनाव मुक्त जीवन हो, इसके लिए उन्हें भी योग प्राणायाम का अभ्यास करना होगा। योग गुरु ने चालकों को झूला पट्टा सन, विट्ठल आसान, शीर्ष मस्तक आसन, आदि के गुरु सिखाएं ताकि उन्हें घुटने दर्द, कमर दर्द, गर्दन दर्द, हाथों के दर्द से मुक्ति मिले। योग गुरु ने उन्हें हरड रसायन, कपड़े के नवाड के पत्ते निशुल्क दिए। इस अवसर पर चालकों ने योग गुरु का आभार माना।