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जीआई इंजीनियरिंग सॉल्यूशंस लिमिटेड का नाम बदलकर ‘टीमो प्रोडक्शंस एचक्यू लिमिटेड’ होगा

आगामी प्रोजेक्ट "वृंदावन" के लिए जीआई इंजीनियरिंग सॉल्यूशंस लिमिटेड के साथ आई डायरेक्टर श्रुति अनिंदिता वर्मा

मुंबई ।एक रोमांचक साझेदारी के रूप में जीआई इंजीनियरिंग सॉल्यूशंस लिमिटेड (जिसका नाम वर्तमान व्यावसायिक माहौल को देखते हुए व्यापारिक गतिविधियों को ज्यादा अच्छे से दिखाने और अपनी ब्रांड इक्विटी को बढ़ाने के लिए नाम बदलकर ‘टीमो प्रोडक्शंस एचक्यू लिमिटेड’ किया जा रहा है) ने प्रतिभाशाली और जानी मानी भारतीय लेखिका, डायरेक्टर और फिल्म प्रोडूसर सुश्री श्रुति अनिंदिता वर्मा को अपने आगामी प्रोजेक्ट “वृंदावन” के लिए चुना है। यह फिल्म लव,  लॉस और सेल्फ डिस्कवरी की एक शानदार यात्रा दिखाएगी जो दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देगी।

वृन्दावन मूवी की डायरेक्टर श्रुति अनिंदिता वर्मा ने कहा “मेरे लिए श्री मोहन नादर पहले एक अच्छे मित्र हैं जो वास्तव में भावनाओं को समझते हैं और यह तथ्य है कि उन्होंने इस कहानी पर बहुत काम किया है, उनका यह विश्वास सिनेमा के बारे में बहुत कुछ बताता है। जब वह किसी चीज के लिए दिल से काम करते हैं तो पूरी ताकत लगा देते हैं। मैं बहुत खुश हूं कि वह मेरे पास ऐसे व्यक्ति हैं जो आपको पूरी आजादी देते हुए भी जरूरत पड़ने पर हमेशा मौजूद रहते हैं।

जीआई इंजीनियरिंग सॉल्यूशंस लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर मोहन नादर ने कहा “श्रुति एक ऐसी कहानी लेकर आईं जो दिल दहलाने वाली भी है और दिल को छू लेने वाली। वृन्दावन में एक लम्बे अरसे से चली आ रही विधवाओं की यह कहानी है सबको बहुत पसंद आएगी।”

वृंदावन एक ऐसी लड़की की कहानी है, जो अपने पिता की आखिरी इच्छा को पूरा करने अपनी दादी की तलाश में वृन्दावन पहुँचती है, उसे विश्वास है कि उसकी दादी वृंदावन की 30,000 विधवाओं में से एक होगी। उसकी यह खोज उसे स्वयं को और प्यार को खोजने में मदद करती है।

वृन्दावन में राधिका नाम की एक युवा लड़की अपनी यात्रा शुरू करती है, जिसका किरदार बहुमुखी अभिनेत्री अविका गौर ने निभाया है, वह अपने स्वार्गीय पिता की आखिरी इच्छा को पूरा करने के लिए वृन्दावन आती है। राधिका के पिता का किरदार नमित दास द्वारा निभाया गया है जो अपनी बेटी को एक मिशन सौंपते देते हैं, पांच दशक पहले एक विधवा के रूप में घर छोड़ गई अपनी दादी को खोजने का। यह  दिल को छू लेने वाली खोज तब शुरू होती है जब राधिका के पिता अपने वंश के रहस्य से पर्दा उठाते हैं।

जैसे ही राधिका अतीत की गहराई में उतरती है उसे वृन्दावन के रहस्य का पता चलता है, अब इमोशन, थोड़ी सी जानकारी और एक टिक-टिक करती घड़ी के साथ इस यात्रा को पूरा करना है। उसकी खोज 30,000 विधवाओं की कहानियों को उजागर करेगी, जिनमें हर विधवा खुद में वृन्दावन के रहस्यमय इतिहास का एक अध्याय है।

इस भावनात्मक उथल-पुथल में, राधिका प्यार, समापन और रिश्तों की बारीकियों को खोजती है। इस दौरान वह आईएएस ऑफिसर प्रत्यय की ओर आकर्षित होती है, जिसका करिश्माई नेतृत्व और समर्पण राधिका की यात्रा में मार्गदर्शक के रूप में काम करती है। प्रत्यय का समर्पित, निष्ठावान और निस्वार्थ चरित्र राधिका को उसकी इस खोज में मदद देता है।

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