इस्कॉन की जगन्नाथ रथयात्रा का 50 मंचों से पुष्प वर्षा कर हुआ स्वागत –
इंदौर से विनोद गोयल की रिपोर्ट: –
– खालसा स्टेडियम से गोपाल मंदिर तक उमड़ा जन सैलाब
इंदौर, । राजमोहल्ला स्थित खालसा स्टेडियम से आज दोपहर निकली इस्कॉन की जगन्नाथ रथयात्रा ने राजबाड़ा स्थित गोपाल मंदिर तक करीब चार किलोमीटर लंबे यात्रा मार्ग को हरे रामा हरे कृष्णा संकीर्तन और भक्ति की रसधारा से सराबोर बनाए रखा। इस्कॉन मंदिर इंदौर के अध्यक्ष स्वामी महामनदास, महामंडलेस्वर दादू महाराज, अखंडधाम के महामंडलेश्वर डॉ. स्वामी चेतन स्वरूप के सानिध्य में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने सुसज्जित हाईड्रोलिक रथ का पूजन कर इस रथयात्रा का शुभारंभ किया और स्वर्ण निर्मित झाड़ू से यात्रा मार्ग बुहारने की भी शुरूआत की। शहर के अनेक धार्मिक, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि, राजनेता एवं विद्वान भी इस यात्रा में भागीदार बने। समूचे मार्ग में करीब 50 स्वागत मंचों से भक्तों पर पुष्प वर्षा कर भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा एवं भाई बलभद्र के विग्रह का पूजन भी किया गया। देश-विदेश से आए इस्कॉन से जुड़े भक्तों ने भी समूचे मार्ग में अपनी भजन मंडलियों की मनोहारी प्रस्तुतियों से माहौल को पूरे समय भक्तिभाव से भरपूर बनाए रखा। रथयात्रा में शहर के 25 हजार से अधिक सभी वर्गों और धर्मों के श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
इस्कॉन मंदिर इंदौर के अध्यक्ष स्वामी महामनदास सहित अनेक संत दोपहर में 51 फीट ऊंचा रथ लेकर खालसा स्टेडियम पहुंचे, वहां पहले से जमा भक्तों के सैलाब ने भजनों पर नाचने-गाने का सिलसिला शुर कर दिया। पश्चिम क्षेत्र में पहली बार निकली इस यात्रा में शामिल भक्तों का उत्साह देखते ही बनता था। रथ की पुष्प सज्जा वृंदावन से आए कलाकारों ने की। रथ पर सबसे पहले भगवान जगन्नाथ, बड़े भाई बलभद्र एवं बहन सुभद्रा के विग्रह को सुसज्जित रथ में मखमली सिंहासन पर विराजित किया गया। इस्कॉन की निर्माण समिति के अध्यक्ष पी.डी. अग्रवाल कांट्रेक्टर, रथयात्रा संयोजक हरि अग्रवाल एवं श्रीनिकेतनदास ने सभी अतिथियों की अगवानी की। महाआरती एवं भगवान जगन्नाथ के गुणगान के बाद रथ का पूजन कर अतिथियों ने रथयात्रा का शुभारंभ किया। जैसे ही भगवान जगन्नाथ के जयघोष के बीच सैकड़ों श्रद्धालु रथ को रस्से की मदद से अपने हाथों से खींचने के लिए लपक पड़े। महिलाओं और पुरुषों में रथ को खींचने की होड़ सी मच गई। हरे रामा हरे कृष्णा और भगवान के जयघोष से आकाश गूंज उठा। मुख्य रथ के पीछे भगवान राधा गोविंद की झांकियां और गोपियो के श्रृंगार में आई महिलाएं भी आकर्षण का केन्द्र बनी रही। रथ के पीछे रधा गोविंद की जीवंत झांकी भी आकर्षण का केन्द्र बनी रही। गोपाल मंदिर पहुंचने पर इस्कॉन से जुड़े संतों, देश-विदेश के भक्तों और स्थानीय कलाकारों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देकर भक्तों को मंत्रमुग्ध बनाए रखा। समापन अवसर पर करीब चार हजार से अधिक भक्तों ने प्रसादी का पुण्य लाभ उठाया। अंत में स्वामी महामनदास एवं यात्रा प्रभारी हरि अग्रवाल ने यात्रा को ऐतिहासिक और अनूठी बताते हुए सभी सहयोगी बंधुओं के प्रति आभार व्यक्त किया। समापन मौके पर रथ को राजबाड़ा पर आम लोगों के दर्शनाथ रखा गया था, जहां देर शाम तक 5 हजार से अधिक लोगों ने दर्शन पूजन किए।