25 को निकलेगी छत्रीबाग रामद्वारा तक पधरावणी यात्रा,
अंतर्राष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय के आचार्य जगदगुरू स्वामी रामदयाल महाराज के सानिध्य में मनेगा भव्य चातुर्मास
गुलाबी लहंगा-चुनरी में शामिल होंगी एक हजार महिलाए
इंदौर,आठ वर्षों बाद अंतर्राष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय के आचार्य जगदगुरू स्वामी रामदयाल महाराज के सानिध्य में छत्रीबाग रामद्वारा पर हो रहे भव्य चातुमार्स की तैयारियों के लिए रविवार को विभिन्न समाजों एवं संस्थाओं की बैठक शाहपुरा से आए रामस्नेही संप्रदाय के संत नवनीतराम महाराज, गोराकुंड रामद्वारा के संत अमृतराम महाराज एवं छावनी रामद्वारा के संत मस्तराम महाराज के सानिध्य में संपन्न हुई। बैठक में 25 जून को निकलने वाली पधरावणी यात्रा में 500 महिलाएं मंगल कलश लेकर गुलाबी लहंगा-चुनरी पहनकर शामिल होने तथा 500 महिलाएं हाथों में गन्ना लेकर चलने की तैयारियों के साथ ही पूरे चार माह तक किसी भी महाप्रसादी में जूठन नहीं छोड़ने और चातुर्मास के दौरान पूरी तरह से स्वच्छता का ध्यान रखने जैसी संकल्प भी लिए गए।
चातुर्मास समिति की ओर से रामसहाय विजयवर्गीय, मुकेश कचोलिया एवं आशीष सोनी ने बताया कि छत्रीबाग स्थित नरसिंह मंदिर के सभागृह में आयोजित इस बैठक में करीब 350 श्रद्धालु मौजूद थे। सभी ने एक स्वर से आठ वर्ष बाद हो रहे जगदगुरू स्वामी रामदयाल महाराज के चातुर्मास को इंदौर के लिए गौरव एवं सौभाग्य का विषय बताया। विभिन्न समितियों के प्रभारियों ने अपनी-अपनी तैयारियों का विवरण दिया। 25 जून को गोराकुंड रामद्वारा से निकलने वाली पधरावणी यात्रा खजूरी बाजार, राजबाड़ा, गोपाल मंदिर, पीपली बाजार, बर्तन बाजार, बजाज खाना चौक, सांठा बाजार, नरसिंह बाजार, छत्रीपुरा चौराहा, व्यंकटेश मंदिर से राजपूत बगीची होते हुए छत्रीबाग रामद्वारा पहुंचेगी।
मार्ग में लगभग 40 स्थानों पर स्वागत मंचों से पुष्प वर्षा की जाएगी। करीब डेढ़ किलोमीटर लंबी इस शोभायात्रा में शहर के लगभग सभी क्षेत्रों के श्रद्धालु शामिल होंगे। यह निर्णय भी लिया गया कि चातुर्मास के दौरान प्रवचन स्थल पर स्वच्छता का पूरा ध्यान रखा जाएगा और किसी भी महाप्रसाद में जूठन नहीं छोड़ा जाएगा। शोभायात्रा में करीब 50 संत एवं विद्वान भी शामिल रहेंगे। एक सुसज्जित रथ पर जगदगुरू स्वामी रामदयाल महाराज शाहपुरा की परंपरा के अनुरूप छत्र-चंवर एवं लवाजमे सहित शहर के भक्तों को शुभाशीष देते हुए सुशोभित होंगे। चातुर्मास 25 जून से 25 अक्टूबर तक, पूरे चार माह चलेगा ।