इंदौरधर्म-ज्योतिष

रामकथा भारत भूमि का ऐसा दस्तावेज, जिसकी सच्चाई पर कोई संदेह नहीं

इंदौर,  रामकथा भारत भूमि का ऐसा दस्तावेज है, जिसकी सच्चाई पर कोई संदेह नहीं हो सकता। समाज के अंतिम छोर पर खड़े बंधु-बांधव की सेवा का पहला संदेश प्रभु राम ने ही दिया, इसीलिए रामराज्य हर युग में प्रासंगिक और आदर्श माना गया है। आज समाज को परिक्रमा नहीं, पराक्रम की जरुरत है।
झांसी के तपोनिष्ठ संत बाबा रामदास ब्रह्मचारी ने बर्फानी धाम के पीछे स्थित गणेश नगर में माता केशरबाई रघुवंशी धर्मशाला परिसर के शिव-हनुमान मंदिर की साक्षी में जटायु मोक्ष एवं शबरी मिलन प्रसंग के दौरान उक्त प्रेरक विचार व्यक्त किए
विद्वान वक्ता ने कहा कि हनुमानजी भक्त भी हैं और भगवान भी। एक भक्त भी भगवान बन सकता है, यह केवल भारत भूमि में ही संभव है। हनुमानजी हैं तो भक्त लेकिन उनका मान भगवान के समकक्ष माना गया है। बल, बुद्धि और विद्या के मामले में हनुमानजी की कोई जोड़ नहीं है। रामजी को भगवान राम बनाने में हनुमान जी का ही योगदान संसारी दृष्टि से माना गया है। नारी का पहला आभूषण उसकी लज्जा होता है। सीता जैसा पावन चरित्र आज हजारों वर्ष बाद भी अनुकरणीय और वंदनीय है। सोने की लंका का स्वामी होने के बावजूद रामजी की वानरसेना के हाथों रावण को पराजित होना पड़ा, यह अहंकार से पतन का सबसे बड़ा उदाहरण है।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!