बड़वानी जिले के 64 वन ग्रामों को राजस्व ग्राम में परिवर्तन करने की प्रक्रिया हुई पूर्ण

बड़वानी
अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी अधिनियम 2006 के तहत वनग्रामों को राजस्व ग्रामों में परिवर्तित करने की प्रक्रिया जिले में पूर्ण हो गई है। जिले के अंतर्गत आने वाले वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों में संपरिवर्तन करने हेतु जिला स्तरीय वन अधिकार समिति के द्वारा उपखण्ड स्तरीय समिति से प्राप्त प्रस्तावों के परीक्षण उपरांत अधिसूचना के प्रकाशन मध्यप्रदेश राजस्पत्र में प्रकाशित करवाने हेतु 64 वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों में परिवर्तित करने का प्रस्ताव कलेक्टर श्री शिवराजसिंह वर्मा द्वारा आयुक्त भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त ग्वालियर को भेजा गया है।
अधीक्षक भू-अभिलेख श्री मुकेश मालवीय से प्राप्त जानकारी अनुसार जिले के 67 वनग्रामों को राजस्व ग्रामों में संपरिवर्तन करने का निर्णय लिया गया है। जिला स्तरीय वनाधिकार समिति के द्वारा 64 वन ग्राम को राजस्व ग्राम के रूप में परिवर्तन करने संबंधी वनाधिकार के दावों की मान्यता प्रदान की गई है। उन्होने बताया कि जिले के ग्राम अंजन्यापानी, बावनगजा, कालाखेत, आमल्यापानी, अंबापानी, काजलमाता, भूराकुआं, नेवा, जाई, हरला, चेरवी, बोरकुंड, डाबरी, पिपरकुण्ड, चिचवान्या, मोरानी, रोसमाल, घोंघसा, इडरी, बेड़ीफरतला, सिंधवानी, नलती, गाताबारा, लाईझापी, भादल, कोटबांधनी, खेरवानी, करी, सागबारा, लेखड़ा, सिरसपानी, मेढ़कीमाल, गोलगांव, मगरपाटी, उबादगढ़, वन, सेमलेट, गोलपाटीवाड़ी, सेमल्याखोदरा, भंवरगढ़, इनयकी, रामगढ़ी, कामोद, जुलवानिया, भागपुरा, सिरवेल, केलपानी, खापरखेड़ा, घोडल्या, जामन्या, शिवनीपड़ावा, केलअंबा, वासन्यापानी, भड़भड़ा, अम्बावतार, भालाबेड़ी, चिलारिया, मोहनपड़ावा, धावड़ा, खोखरअंबा, नहालबंद, चिरमिरिया, सोनखेड़ी, मोहनपुरा को वन ग्राम से राजस्व ग्राम में परिवर्तित करने की अधिसूचना प्रकाशन हेतु आयुक्त भू-अभिलेख को भेजा गया है। उक्त अधिसूचना के संबंधी में किसी भी व्यक्ति या समूह आपत्ति अधिसूचना दिनांक से 02 सप्ताह के अंदर जनजातीय कार्य विभाग बड़वानी में प्रस्तुत कर सकता है।