बड़वानी; राष्ट्रीय खेल दिवस पर प्रश्न मंच और भिन्न भिन्न खेल प्रतियोगितायें आयोजित की गयी।

बड़वानी। सत्याग्रह लाइव। मेजर ध्यानचंद की जन्म जयंती को पूरा देश खेल दिवस के रूप में मनाता है। इसी कड़ी में नर्मदा कॉन्वेंट स्कूल बडवानी में प्रश्न मंच प्रतियोगिता आयोजित कि गई थी। जिसमें चार टीमों ने भाग लिया टीम ए – मेजर ध्यानचंद, टीम बी – सचिन तेंदुलकर, टीम सी – मिल्खा सिंह, टीम डी – मनु भाकर जिसमें टीम ए में मेजर ध्यानचंद विजेता रही। और टीम सी मिल्खासिंह उपविजेता रही। साथ ही विभिन्न खेल प्रतियोगिताएँ कबड्डे क्रिकेट, डॉस बॉल, बैडमिंटन, रस्सीकूट इत्यादि आयोजित की गयी।
इस अवसर पर मेजर ध्यानचंद के जीवन के बारे में विस्तार से विद्यालय के संचालक श्रीराम यादव ने बताया कि कैसे उनका जीवन संघर्ष से भरा या सेना में भर्ती हुए चाँदनी रात में प्रैक्टिस करने के कारण उनका नाम ध्यानसिंह में ध्यानचंद पड़ा। हॉकी में तीन बार ओलंपिक में 1928 में हॉलैंड की ऐम्सटर्डम मै 30 से 1932 में लास एंजिल्स में अमेरिका को 24-9 से और 1936 में जर्मनी को गर्लिन में 8-1 में हराकर भारत को ओलंपिक में लगातार तीन बार। गोल्ड दिलाने वाले मेजर ध्यानाचंद ही थे।
वे इतना शानदार खेलते थे। कि उनकी हॉकी स्टिक को हॉलैंड ओलंपिक में चुंबक की आशंका जताते हुए तोड़कर देखा परन्तु कुछ नहीं मिला। ऐसे ही जपान में भी स्टिक पर गौद लगे होने का निराधार आरोप लगाया। राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार जो खेल एवं युवा कल्याण मंत्रालय द्वारा दिया जाता था। जो वर्तमान में अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार के नाम से दिया जाता है। जिसमे रुपये 25 लाख की राशि दी जाती है। उन्हे हॉकी का जादूगर कहा जाता है। कार्यक्रम का संचालन सोनम राठौड़ और अनित्र धनगर ने किया तथा स्कोर बोर्ड श्रुति कचनारे और परवीन बान ने सम्भाला।