मेरी सफलता में सर्वाधिक योगदान माता-पिता का, आज मैं जो कुछ भी हूँ उन्हीं की बदौलत हूँ – एसपी शुक्ला
पुलिस अधीक्षक श्री दीपक कुमार शुक्ला ने विद्यार्थियों के साक्षात्कार देते हुए कहा-

बड़वानी
मेरी सफलता में मेरे माता-पिता का विशेष योगदान रहा है. आज मैं जो कुछ भी हूँ उन्हीं की बदौलत हूँ। हम जो करना चाहते हैं, माता-पिता उस दिशा में जाने के लिए सहयोग करते हैं, मुझे पढ़ना बहुत पसंद रहा है। व्यक्तित्व विकास में शैक्षणेत्तर गतिविधियों से काफी मदद मिलती है। मैं प्रतिदिन 6 से 7 घंटे अध्ययन करता था। मैंने जॉब में रहते हुए यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी की। ये बातें बड़वानी जिले के पुलिस अधीक्षक श्री दीपक कुमार शुक्ला ने शहीद भीमा नायक शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय बड़वानी के स्वामी विवेकानन्द करियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ के कार्यकर्ताओं और विद्यार्थियों को साक्षात्कार देते हुए कहीं। करियर सेल प्राचार्य डॉ एन एल गुप्ता के मार्गदर्शन में संचालित हो रहा है।
कार्यकर्ता प्रीति गुलवानिया और वर्षा मुजाल्दे ने बताया कि सफल व्यक्तित्वों से भेंट और सम्वाद युवाओं को दिशा दिखाते हैं और उनकी सफलता का पथ प्रशस्त करते हैं। इस इंटरव्यू से प्राप्त हुए सफलता के सूत्रों को संग्रहित करके विद्यार्थियों के साथ साझा किया जा रहा है।
साक्षात्कार लेने वाले दल में वर्षा मुजाल्दे, सुरेश कनेश, दिलीप रावत, स्वाति यादव, सुनील मेहरा, वैष्णवी कौशल, नमन मालवीया, सुभाष चौहान, पूनम कुशवाह, वेदांती पाटीदार, वर्षा मेहरा, जानकी बर्मन सम्मिलित थे. युवाओं का कहना है कि सर ने हमारी सभी जिज्ञासाओं का समाधान किया।
ये हैं मुख्य बातें
इस साक्षात्कार से युवाओं के लिए जो मुख्य प्रेरक बातें निकलकर सामने आईं, वो इस प्रकार हैं-श्री शुक्ला का जन्म गाँव में हुआ और उन्होंने स्कूली शिक्षा गाँव में ही प्राप्त की। जाहिर है ग्रामीण क्षेत्र के युवा भी ऐसी उच्च सफलताएं प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने जॉब करते हुए परीक्षा की तैयारी की और सफल हुए। इससे स्पष्ट होता है कि जॉब और देश की सबसे बड़ी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में तालमेल बनाया जा सकता है। उन्होंने परीक्षा के एक वर्ष पूर्व से तैयारी प्रारम्भ की थी। इस तरह दो-तीन वर्षों के गंभीर प्रयासों से यूपीएससी परीक्षा को क्रेक किया जा सकता है। विगत वर्षों के प्रश्नपत्रों का बहुत महत्व है. इससे परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों का पैटर्न पता चलता है।
ऽ उनके ऐच्छिक विषय पाली भाषा और लोक प्रशासन थे। जबकि उनकी शिक्षा गणित और इंजीनियरिंग की थी। इस तरह यूपीएससी परीक्षा में ऐच्छिक विषयों का चयन करते समय पाठ्यक्रम, उपलब्ध अध्ययन सामग्री, रुचि, प्रशिक्षण सुविधा आदि का ध्यान रखना चाहिए। करंट इवेंट्स का लिखित परीक्षा और साक्षात्कार में बहुत महत्व होता है. समाचार पत्र-पत्रिकाओं आदि के माध्यम से करंट इवेंट्स की तैयारी की जा सकती है। लेखन का निरंतर अभ्यास करना चाहिए. सुदंर लेखन का परीक्षा के परिणाम पर प्रभाव पड़ता है। प्रश्नावली का निर्माण कार्यकर्ता प्रीति गुलवानिया ने किया. सहयोग उमा फूलमाली, कन्हैया फूलमाली, अंकित काग और डॉ मधुसूदन चौबे ने दिया।