२० वर्ष से अलग पति पत्नी को किया एक- वन स्टॉप सेंटर

इंदौर। वन स्टॉप सेंटर वर्तमान में प्रभारी प्रशासक श्रीमती पल्लवी सोलंकी ने बताया कि माला ने पति मदन के के खिलाफ वन स्टॉप सेंटर पर आवेदन किया की पति २० साल से उज्जैन में अपनी मां और भाई के साथ रहता है। बेटी छोटी थी तब उसकी बीमारी का इलाज करवाने मैं इंदौर आई थी, तब से इंदौर में हूं।मैने ही काम कर कर के बेटी का इलाज और पालन पोषण किया। उसकी शादी करवाई।पति ने कभी कोई खर्च नही उठाया।
जब भी ससुराल रहने जाती थी सास ताने देती थी की तेरा पति ठीक से नही कमाता, तू यहां क्या खायेगी। पति कभी इंदौर आता तो उसे भड़का कर वापस बुला लेती थी।पति को कहो उसकी बीस साल की कमाई में से मुझे पैसा दे।साथ ही उज्जैन के मकान में हिस्सा दे।
मसला परामर्श केलिए परामर्शदात्री सुश्री अलका फणसे को दिया गया।मदन और माला दोनो को एकल सत्र होकर मामले को समझा गया।
फिर माला को बताया गया की सास का घर अपने नाम करवाने का आपको कोई अधिकार नहीं है।
आपका अधिकार पति से भरण पोषण की मांग करना है।माला के यह कहने पर की पति तो खुली मजदूरी करता है।माला से वास्तविक स्थिति पर चर्चा हुई की प्रकरण दायर करने पर भी भरने पोषण में क्या मिलेगा। अभी तक तो तुमने खुद कमा कर जिम्मेदारी उठाई है।
तब पूछने पर की क्या पति के साथ रहना चाहोगे?
माला ने सहर्ष सहमति जताई।
फिर मदन को इंदौर आकर पत्नी के साथ रहने और आने वाले दिनों में बेटी और नाती के साथ सुख से जिंदगी बिताने के पक्ष पर चर्चा की गई।विस्तृत परामर्श के बाद यह तय हुआ की माला अपने भाई का घर छोड़कर अलग कमरा लेकर मदन के साथ रहे।
दोनो मिलकर जो कमाए उससे समाधान पूर्वक जीवन यापन करे।माला मेरा घर है ऐसे शब्द कहकर मदन को आहत न करे। मदन के भाई को बोला गया की अपने भाई को वापस आने केलिए दबाव न बनाए। दरअसल मदन बहुत ही सरल व्यक्ति होने से उसे ज्यादा दुनियादारी की समझ नहीं थी।Osc पर बेटी और नाती से मुलाकात करवाने पर मदन की आंखों में आंसू आ गए।उसने भी परिवार के साथ रहने के लिए प्रतिबद्धता जताई।इस तरह तकरीबन 20 वर्षों से अलग रह रहे पति पत्नी ने साथ रहना तय किया।