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अनोखा विवाह- जर्मनी में प्रेम, हिंदुस्तान में शादी सात समुंदर पार जर्मनी से पहुंची बारात,हिंदू रीति रिवाज से रचाई शादी

जर्मनी के दूल्हे जोशवा और हिंदुस्तानी दुल्हन चारू बंधे परिणय सूत्र में, विदेशी बारातियों ने पहने भारतीय परिधान, हाथी पर सवार होकर दुल्हन को लेने पहुंचा दूल्हा

आशीष यादव धार

किसी ने सच ही कहा है कि मोहब्बत हो तो सात समुंदर पार की दूरी भी कम हो जाती है। जर्मनी के रुदेशीयन शहर के जोशवा और इंदौर की चारू शर्मा ने हिंदू रीति रिवाज से मांडू में ब्याह रचाया। जर्मनी में प्रेम हिंदुस्तान में शादी यह अनोखा विवाह क्षेत्र में चर्चा का विषय रहा। जर्मनी से मांडू पहुंचे 40 बाराती भारतीय संस्कृति में ऐसे रमे कि उन्हें देखकर ऐसा लग रहा था मानो वह भारतीय ही हो दरअसल जर्मनी के जोशवा और इंदौर की चारू शर्मा की मुलाकात जर्मनी में हुई। साथ पढ़ाई के दौरान दोस्ती हुई और वह प्यार में बदल गई। दोनों परिवारों ने रिश्ते को स्वीकार किया और मांडू में डेस्टिनेशन वेडिंग करना तय हुआ। दुल्हन चारु हिंदुस्तान पहुंची और खुद ने शादी की पूरी तैयारी को अपने हाथों में लिया। तीन से चार बार मांडू जाकर व्यवस्थाएं देखी। दूल्हे के परिवार ने एक कदम आगे बढ़ते हुए भारतीय संस्कृति से ही पूरा विवाह करने के लिए प्रस्ताव रखा । मांडू के एक निजी रिसोर्ट में पूरी विवाह की रसमें संपन्न हुई। जर्मनी के बाराती भारतीय संस्कृति के कायल नजर आए उन्होंने विवाह की सभी रस्मों को वीडियो कॉलिंग के माध्यम से अपने अन्य रिश्तेदारों को दिखाया और कहा भारतीय संस्कृति बहुत समृद्ध है।

15 दिन पहले भारत पहुंचे :
हिंदू विवाह की रस्मों को समझने 15 दिन पहले भारत पहुंचे दूल्हे जोशवा जर्मनी के बारातियों की उपस्थिति में गणेश पूजन ,माता पूजन, चाक पूजन, भात पूजन, हल्दी ,मेहंदी, सगाई और विवाह के सात फेरों की रस्में हुई। दूल्हे जोशवा ने नईदुनिया से चर्चा में बताया कि भारतीय संस्कृति अनोखी है। मैं विवाह के लिए 15 दिन पहले हिंदुस्तान आया। मैंने भारतीय हिंदू रीति रिवाज और विवाह रस्मों को गहनता से जाना। दुल्हन चारू शर्मा ने बताया कि मुझे ऐसा लगा मानो बारात जर्मनी से नहीं यही से आई है। मांडू प्रेम की नगरी है और यहां मेरा ब्याह हुआ है जो हमारे लिए जीवन भर याद रहेगा।

हिंदुस्तान की परंपरा से की शादी:
उज्जैन से आए हाथी पर बैठकर दुल्हनिया लेने पहुंचे दुल्हे जोशवा, कहां जूते चुराने की रस्म करनी पड़ेगी इधर जर्मनी से आए 40 बारातियों ने पूरी शादी में हर रस्म के दौरान भारतीय परिधान पहने, शेरवानी और कुर्ता पायजामा पहना। ढोलक पर भारतीय धुनों पर जमकर नृत्य किया। जर्मनी के फूड होने के बाद भी उन्होंने दाल बाटी चूरमा और भारतीय व्यंजनों का जमकर लुत्फ उठाया।दुल्हे जोशवा के साथ दूल्हे की माता सिल्विया दूल्हे के भाई एलिस दूल्हे की बहन सेरा ने दूल्हा दुल्हन के सात फेरों के दौरान हर फेरे के अर्थ को पूरी तरह समझा।

जाना मांडू का इतिहास:
जर्मनी के बारातियों को भाया मांडू इतिहास जान हुए हैरान
जर्मनी से मांडू पहुंचे बारातियों ने मांडू के विशाल महलों का भ्रमण किया। दूल्हे के मित्र जोसेफ ,पैट्रिक ,लेविस, बेजोन ने प्रतिनिधि से चर्चा में बताया की यहां के महल और प्राचीन इतिहास जानकर हम हैरत में हैं। जर्मनी टेक्नोलॉजी के लिए जाना जाता है पर मांडू में हमने लाइट एंड साउंड शो देखा जो वर्ल्ड क्लास टेक्नोलॉजी वाला नजर आया। हम जर्मनी जाकर मांडू को प्रमोट करेंगे और यहां हमेशा आते रहेंगे।

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