
रामराज्य कल्पना नहीं वास्तविकता है
इंदौर। रामनवमी के पावन पर्व पर समर्थ मठ संस्थान में सामाजिक कार्यकर्ता मालासिंह ठाकुर का व्याख्यान *रामराज्य की प्रासंगिकता* इस विषय पर आयोजित था . माला ठाकुर ने व्याख्यान में कहा कि भगवान राम,छत्रपति शिवाजी , माता अहिल्या बाई के समय के रामराज्य की यात्रा आज भी चल रही ,उसको महसूस करने की आवश्यकता है. स्वास्थ, शिक्षा ,आत्मीयता, कुटुंब व्यवस्था, पर्यावरण,जीव जंतु , जल संरक्षण की प्रासंगिकता आज भी है ,अंतिम व्यक्ति तक यह सुख आनंद पहुंचे यह व्यवस्था आज भी जरूरी है इस रामराज्य में सहभागिता, कानून,पारदर्शिता,जवाबदेही, सर्वसम्मति,, नीति, समानता, सामाजिक समरसता ,दान यह सभी रामराज्य के लिए आज भी प्रासंगिक हैं .राजा के साथ प्रजा भी इस रामराज्य की यात्रा में सहभागी हो इसकी
शुरुआत स्वयं,अपने परिवार से करना होगी
समर्थ मठ संस्थान की ओर से अध्यक्ष अशोक पाटणकर ने स्वागत किया कार्यक्रम संचालन वैशाली खरे ने किया सुरेश टाकलकर पार्षद, रवि क्षीरसागर, दिवाकर घायल, मराठे, उदय बापट आदि बड़ी संख्या में श्रोता उपस्थित थे