इंदौर के केंद्रीय जेल में प्रथम बार शनिदेव की ऐतिहासिक कथा

केवल मुसीबत में ही शनि का पूजन ना करें, प्रतिदिन पूजन करने से शनिदेव आपको कष्टों से छुटकारा दिलाते हैं : दादू महाराज
इंदौर। केवल मुसीबत में ही शनि का पूजन ना करें, प्रतिदिन पूजन करने से शनिदेव आपको कष्टों से छुटकारा दिलाते हैं। शनिदेव से रोज के संबंध बनाएंगे तो शनिदेव हर हालत में न्याय प्रदान करते हैं।
ये उद्गार राष्ट्र संत दादू महाराज ने केंद्रीय जेल में प्रथम बार न्याय के देवता शनिदेव भगवान की कथा के ऐतिहासिक आयोजन में कैदियों को कथा के दौरान व्यक्त किए।
दादू महाराज संस्थान के मीडिया प्रभारी राम मूंदड़ा ने बताया कि कैदियों ने इतनी तन्मयता से कथा श्रवण कर उसमें दी गई प्रेरणा को जीवन में धारण करने का संकल्प व्यक्त किया। राष्ट्र संत दादू महाराज ने कथा के एक-एक प्रसंग को अपनी भावपूर्ण शैली में व्यक्त किया। पूरी कथा में कैदियों को न्याय कैसे मिल सकता है, यह भी समझाया। आपने शनिदेव का पूजन और आराधना किस प्रकार की जाती है, इसकी भी जानकारी दी। आपने कहा कि हर मनुष्य पर शनिदेव का प्रकोप कभी न कभी आता ही है इसलिए मनुष्य ने शनिदेव का पूजन प्रतिदिन करना चाहिए।
कैदियों ने पूरी कथा अपने-अपने बैरकों में जेल के रेडियो के माध्यम से सुनी और कई कैदी पश्चाताप के कारण भावविभोर हो गए और बरबस उनकी आंखो से आंसू निकल पड़े।
कथा का शुभारंभ जेल अधीक्षक अलका सोनकर, इन्दरसिंह नागर और संतोष लाडिया ने शनिदेव का पूजन कर किया। इस अवसर पर जेल अधीक्षक ने महामंडलेश्वर को भेंट स्वरूप जेल में कैदियों के हाथ की बनी दरी, कंबल व अन्य वस्त्र भेंट किये।
इंदौर के केंद्रीय जेल में प्रथम बार शनिदेव की ऐतिहासिक कथा
केवल मुसीबत में ही शनि का पूजन ना करें, प्रतिदिन पूजन करने से शनिदेव आपको कष्टों से छुटकारा दिलाते हैं : दादू महाराज
इंदौर। केवल मुसीबत में ही शनि का पूजन ना करें, प्रतिदिन पूजन करने से शनिदेव आपको कष्टों से छुटकारा दिलाते हैं। शनिदेव से रोज के संबंध बनाएंगे तो शनिदेव हर हालत में न्याय प्रदान करते हैं।
ये उद्गार राष्ट्र संत दादू महाराज ने केंद्रीय जेल में प्रथम बार न्याय के देवता शनिदेव भगवान की कथा के ऐतिहासिक आयोजन में कैदियों को कथा के दौरान व्यक्त किए।
दादू महाराज संस्थान के मीडिया प्रभारी राम मूंदड़ा ने बताया कि कैदियों ने इतनी तन्मयता से कथा श्रवण कर उसमें दी गई प्रेरणा को जीवन में धारण करने का संकल्प व्यक्त किया। राष्ट्र संत दादू महाराज ने कथा के एक-एक प्रसंग को अपनी भावपूर्ण शैली में व्यक्त किया। पूरी कथा में कैदियों को न्याय कैसे मिल सकता है, यह भी समझाया। आपने शनिदेव का पूजन और आराधना किस प्रकार की जाती है, इसकी भी जानकारी दी। आपने कहा कि हर मनुष्य पर शनिदेव का प्रकोप कभी न कभी आता ही है इसलिए मनुष्य ने शनिदेव का पूजन प्रतिदिन करना चाहिए।
कैदियों ने पूरी कथा अपने-अपने बैरकों में जेल के रेडियो के माध्यम से सुनी और कई कैदी पश्चाताप के कारण भावविभोर हो गए और बरबस उनकी आंखो से आंसू निकल पड़े।
कथा का शुभारंभ जेल अधीक्षक अलका सोनकर, इन्दरसिंह नागर और संतोष लाडिया ने शनिदेव का पूजन कर किया। इस अवसर पर जेल अधीक्षक ने महामंडलेश्वर को भेंट स्वरूप जेल में कैदियों के हाथ की बनी दरी, कंबल व अन्य वस्त्र भेंट किये।