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धार जिले में तेंदूपत्ता संग्रहण शुरू, 997 मानक बोरा अब तक संकलित, 12 तेंदूपत्ता समितियों कर सग्रहण 41 सौ मानक बोरा लक्ष्य।

मौसम की मार के बीच समितियां जुटीं संग्रहण में सात दिन में मिलेगा सग्रहण करने वाले मजदूरों को पैसा चार हजार रुपए प्रति मानक बोरा खरीदी की जा रही तेंदरूपत्ता

आशीष यादव धार। 
जिले में तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य ने रफ्तार पकड़ ली है। अभी
तेंदूपत्ता की खरीदी वन समितियों में शुरू की जिसमें 12 वन समितियों से 9 लाख 97 हजार तेंदूपत्ता गड्डी की खरीदी हो गई है। जबकि 1.50 करोड़ का सग्रहण किया जायेगा जो 41 सौ मानक बोरा लक्ष्य निर्धारित किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में तेंदूपत्ता संग्रहण करने के लिए समितियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। ग्रामीणों की ओर से बीते मंगलवार 13 मई से तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य शुरू कर दिया गया है। यह पूरे मई व जून तक चलेगा। वन विभाग डीएफओ अशोक कुमार सोलंकी ने टीम बनाई है। जिसमे एडसीओ रेंजर व वनरक्षक जो इसकी लगातार मॉनिटरिंग भी की कर रही है। बताया गया है कि तेंदूपत्ता का रेट चार हजार रुपए मानक प्रति बोरा निर्धारित है। ग्रामीण क्षेत्र में तेंदूपत्ता संग्रहण से गांव के लोगों का जीविकोपार्जन के लिए भी सहारा बन रहा है। जिलेभर में 12 समितियों की ओर से किए जा रहे संग्रहण को स्थानीय जीविकोपार्जन के लिए सहारा है। बल्कि संग्रहण का कार्य भी तेजी से और गुणवत्तापूर्ण किया जा रहा है। यह बात और है कि वन परिक्षेत्र के अधिकारियों की ओर से स्थानीय समितियों में पहुंचकर संग्रहण के कार्य का निरीक्षण किया जा रहा है। कोशिश है मौसम खराब होने से पहले सग्रहण का कार्य कर लिया जाए। जिले की सभी समितियां संग्रहण के कार्य को पूरा करने तेजी कर ली है इसके ओर से कार्य में तेजी लाने का निर्देश लिए समितियों को वन विभाग की दिया गया है।
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12 समितियां जो तेंदूपत्ता का कर रही हैं:
संग्रहण जिले में तेंदूपत्ता का संग्रहण कर रही समितियों में
बाग़ जहां अभी मौसम खराब होंने कार्य शुरू नही हुआ वही बिलदा में 40.455 मानक बोरा सग्रहण हुआ है साथ ही सरदारपुर 14.430 तो केशवी में अभी मोहर्रत का सग्रहण  नही हुआ, नालछा में 102.635 तो टाडा 22.195 व मुलथान में 2.250 तो उमरबन 366.795 बोरा भाडूरूड़पुरा 95.545, मानक, व बाग 336.680 बोरा,जिराबाद 16.790 तो अमझेरा में अभी शुरू नही हुआ है साथ ही सबसे ज्यादा गड्डी बिलदा में समितियों ने की  साथ ही समय रहते अन्य समिति भी कार्य को जल्द पूरा करें। वही जो 997 मानक बोरा हुआ जिसकी  9 लाख 97 हजार गड्डी बन गई है।
वास्तव में हरा सोना है तेंदू पत्ताः 
तेंदूपत्ता को हरा सोना भी कहा जाता है, मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ के कुछ जिलो में वनांचल क्षेत्र में यह पाया जाता है वही गांव में रहने वाले कार्य करने वाले ग्रामीणों के लिए यह कहावत वास्तव में चरितार्थ होती है, तेंदूपत्ता यहां सोने जैसा है। यह घने और समृद्ध जंगलों में जो तेंदूपत्ता मिलता है, उसकी क्वॉलिटी के कारण इसकी डिमांड देश भर में रहती है. मार्च के पहले सप्ताह में ही वन विभाग समितियों के माध्यम से शाख की कटाई, छंटाई की जाती है. इसके दो माह बाद मई के दूसरे सप्ताह की शुरुआत में पौधों से जो नए कोमल पत्ते निकल आते हैं. उसकी खरीदी शुरू हो जाती है. यह पत्ता बीड़ी उद्योग के लिए उपयोगी होता है। जो कॉन्टैक्टर के माध्यम से अन्य प्रदेशों में पहुंचाया जाता है।
5 हजार परिवार की सीधे आय का जरियाः
संग्रहण कार्य से जुड़े जिले की 12 समितियों में लगभग पांच हजार परिवारों को वन मंडल इस वनोपज से लाभ दिलवा रहा है। तेंदूपत्ता संग्रहण के माध्यम से आदिवासी अंचल गरीब परिवारों को रोजगार मिल रहा है। जिसे वह अपने परिवारों का पालन पोषण करने का काम कर रही है। इसमें महिलाओं को रोजगार का एक वैकल्पिक अवसर मिल रहा है। वही तेंदुपत्ता संग्रहण के लिए अभी शुरुआत ही हुई है। वहीं इस काम के लिए गर्मियों के मौसम में परिवार सुबह 5 बजे से बुनाई के लिए निकल जाते वही दिन में गर्मी के कारण ज्यादा कार्य नही कर पाते है। वही अभी बारिश व आधी में मौसम खराब हो रहा है तो कार्य थोड़ा प्रभावित हो रहा है।
बिगड़ता मौसम कार्य मे देरी:
शुरआती दौर में तेंदूपत्ता के लिए इस बार अब तक मौसम अनुकूल रहा है। जंगल में अभी पत्ता छोटा और नरम है, लेकिन गर्मी बढ़ने के साथ तेंदूपत्ता की ग्रोथ और गुणवत्ता दोनों बेहतर रही। वही लगातार अप्रैल व में में मौसम खराब होने के कारण पत्थर संग्रहण का काम प्रभावित कर दिया था जिसके कारण दो तीन समितियां ने अभी पत्ता संग्रहण करने के लिए श्री गणेश भी नहीं कर पाए है क्योंकि जिले में अलग-अलग क्षेत्र में बुनाई का काम चलता है मगर कहीं जगह बारिश होने से काम में देरी हो गई  बारिश का कारण तेंदू के पत्तो में दाग लगने का डर बना हुआ है व पत्तो की नमी के कारण गड्डियां बनने में भी परेशानी आ रही है। व आधी तुफान के कारण मजदूरों की कमी होती है।
जिले में मई के दूसरे सप्ताह स्व तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य चालू हो गया है।
संग्रहण का काम शुरू:
अभी मौसम जिले में खराब है कुछ जगह तेंदूपत्ता का सग्रहण का काम कर रहे वही मौसम खुलने के साथ ही सभी जगह तेंदूपत्ता का संग्रहण कार्य तेजी से प्रारंभ कर देंगे। धार समितियों को 4100 मानक बोरा पत्ते संग्रहण का लक्ष्य मिला है। अभी 9 लाख 97 हजार मानक गड्डी सग्रहण कर ली गई है।
अशोक कुमार सोलंकी डीएफओ धार
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