विधानसभा चुनाव; प्रचार सामग्री पर मुद्रक और प्रकाशक का नाम पता तथा मुद्रित सामग्री की संख्या जरूरी
बड़वानी से रमन बोरखडे।
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. राहुल फटिंग की अध्यक्षता में शनिवर को आगामी समय में होने वाले विधानसभा निर्वाचन के मद्देनजर शनिवार को जिले के मुद्रकों एवं प्रकाशकों की बैठक का आयोजन किया गया। कलेक्टर ने बैठक में उपस्थितों को चुनाव प्रचार के लिए अभ्यर्थियों द्वारा छपवाए जाने वाले बैनर, पोस्टर और पम्पलेट, होर्डिग, फ्लैक्स के संबंध में लोक अधिनियम प्रतिनिधित्व की धारा 127 क के प्रावधानों के बारे में विस्तार से बताया।
बैठक में उपस्थित मुद्रकों को बताया गया कि:-
– निर्वाचन में राजनीतिक विज्ञापनों के प्रकाशन को प्रतिबंधित करने के लिए लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 में धारा 127 क में निहित प्रावधानों के तहत कोई भी व्यक्ति ऐसी निर्वाचन पुस्तिका या पोस्टर, पंपलेट, मुद्रित तथा प्रकाशित नहीं करेगा जिस पर मुद्रक और प्रकाशक के नाम पते नहीं प्रिंट हों।

– कोई भी व्यक्ति ऐसा कोई भी निर्वाचन पर्चा या पोस्टर मुद्रित नही करेगा अथावा मुद्रित नही करायेगा जब तक कि उसके द्वारा हस्ताक्षरित और दो व्यक्तियों जिन्हे वह व्यक्तिगत रूप से जानता है या उनके द्वारा सत्यापति घोषणा की दो प्रतियांक मुद्रक को प्रदान नही की जाती कि प्रकाशन की पहचान क्या है।
– उपबंधों के पालन में दिए गए निर्देशों के तहत मुद्रक द्वारा मुद्रित सभी निर्वाचन संबंधी पम्पलेटों, पोस्टर्स या इसी तरह की अन्य सामग्री के मुखपृष्ठ पर मुद्रक एवं प्रकाशक के नाम-पते सहित प्रकाशन संख्या भी अंकित किए जायेंगे।
– धारा 127(क) के अनुसार मुद्रक प्रकाशक से घोषणा पत्र एवं मुद्रित सामग्री की 4 प्रतियां, सामग्री मुद्रित किए जाने के तीन दिनों के भीतर जिला निर्वाचन अधिकारी को भेजी जायेगी।
– यदि विज्ञापन अभ्यर्थी की सहमति से है या उसकी जानकारी में है तो उसे संबंधित अभ्यर्थी के निर्वाचन व्यय के खातें में जोड़ा जायेगा।
– यदि विज्ञापन अभ्यर्थी के प्राधिकार के बिना है तो भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 171 ज के उल्लंघन के लिए प्रकाशक के विरूद्ध मुकदमें की कार्यवाही की जायेगी।
बैठक में उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री सोहन कनाश, डिप्टी कलेक्टर श्रीमती विशाखा देशमुख सहित जिले के प्रिटिंग प्रेसों के संचालक उपस्थित रहे।
