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बड़वानी; चार दिवसीय आर्ट एंड क्राफ्ट प्रदर्षनी का हुआ समापन, युवाओं ने बनाई मन मोहने वाली सैकड़ों कलाकृतियां

बड़वानी। शहीद भीमा नायक शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बड़वानी के स्वामी विवेकानंद कॅरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ द्वारा प्राचार्य डॉ. दिनेश वर्मा के मार्गदर्शन में चार दिवसीय आर्ट एंड क्राफ्ट प्रदर्षनी का आयोजन किया गया। आज उसका समापन हुआ। उद्घाटन के अवसर पर संस्था के प्राचार्य डॉ. दिनेष वर्मा, शासकीय कन्या महाविद्यालय, बड़वानी की होम साइंस की प्रो. डॉ. सुनीता भायल, डॉ. वीणा सत्य, डॉ. दिनेष परमार, डॉ. अर्चना सिसोदिया, डॉ. जगदीष कन्नौजे, प्रो. श्याम नाइक, डॉ. सादिक अहमद शेख, डॉ. अनिल पाटीदार, प्रो. कमलेष श्रीवास्तव, प्रो. लोकेंद्र वर्मा, प्रो. रितेष दसौंदी, युवा चित्रकार एवं मूर्तिकार श्री धीरज सगोरे सहित प्राध्यापकगण और अनेक विद्यार्थी उपस्थित थे। विगत चार दिनों में न केवल आयोजक महाविद्यालय के अपितु गर्ल्स कॉलेज और मॉडल कॉलेज के विद्यार्थियों ने भी प्रदर्षनी का अवलोकन किया। समापन के अवसर पर दो सौ से अधिक विद्यार्थी और षिक्षकगण उपस्थित थे।

प्राचार्य डॉ. दिनेष वर्मा ने कहा कि युवाओं का कलाओं के प्रति रूझान देखकर खुषी हो रही है। वे अपनी ऊर्जा का सकारात्मक उपयोग कर रहे हैं। डॉ. सुनीता भायल ने कहा कि सभी ने अपनी कला का सुंदर प्रदर्षन किया है। प्रत्येक रचना बहुत बढ़िया है। डॉ. वीणा सत्य ने कहा कि विद्यार्थियों का कार्य सराहने ओर सहेजने योग्य है। सभी ने कॅरियर सेल के इस प्रयोग की भूरि-भूरि प्रषंसा की है।

व्यक्तित्व विकास के विद्यार्थियों ने किया सृजन

कार्यकर्तागण प्रीति गुलवानिया और वर्षा मुजाल्दे ने बताया कि वोकेषनल कोर्स व्यक्तित्व विकास के सेकंड इयर के विद्यार्थियों ने इन कलाकृतियों का सृजन किया। उन्हें कॅरियर सेल ने प्रषिक्षित किया ताकि उनके व्यक्तित्व में कलात्मकता भी शामिल हो सके। इस प्रदर्षनी का संयोजन खुषी अग्रवाल, तुषार गोले, वर्षा मेहरा, सुभाष चौहान, प्रतिमा मुकाती, तुलसी शर्मा, पूनम पंडित आदि विद्यार्थियों ने किया।

इन्हें किया अपनी कला से साकार

विद्यार्थियों ने अपनी कल्पना शक्ति और कलात्मकता का प्रदर्षन करते हुए अनेक कृतियों को साकार रूप दिया। इसके लिए उन्होंने मुख्य रूप से वेस्ट मटेरियल या फिर बहुत कम कीमत वाली सामग्री का उपयोग किया। घर में अप्रयुक्त रखी वस्तुओं का उपयोग करके वेस्ट से बेस्ट बनाने की परिकल्पना को साकार किया। इन कलाकृतियों में वृक्ष, पुष्प, फ्रेम, मंदिर, पेन स्टेंड, बारह ज्योतिर्लिंग, गिटार, लैम्प, मकान, झूमर, कलात्मक बोतल, सुसज्जित मटकी आदि अनेक रचनाएं शामिल हैं।

लेते दिखे फोटो और सेल्फी

प्रदर्षनी के दौरान प्रोफेसर्स तथा विद्यार्थीगण कलाकृतियों के फोटो और उनके साथ सेल्फी लेते हुए दिखाई दिये।

रोजगार के हैं अवसर

व्यक्तित्व विकास के प्रषिक्षक डॉ. मधुसूदन चौबे ने कहा कि आर्ट एंड क्राफ्ट में रोजगार के अवसर भी हैं। यह एक अच्छा कॅरियर भी सिद्ध हो सकता है। विद्यालयों में आर्ट एंड क्राफ्ट के षिक्षकों की भी मांग होती है। साथ ही जो युवा कला से जुड़ जाते हैं, फिर वे एकाग्र होकर अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित हो जाते हैं। वे विध्वंसात्मक और आत्मघाती गतिविधियों से परे हो जाते हैं। आयोजन में राहुल भंडोले, अंतिम मौर्य, वर्षा मालवीया, नागर डावर, हिम्मत कनेश, आयुषी नरियानी, समर्पण सेन, ने सहयोग दिया।

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