जानिए कैसे होती है राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार पढ़ाई, एडमिशन लेने से पहले जान लें जरूरी बातें

बड़वानीसे पीयूष पंडित की रिपोर्ट।
शहीद भीमा नायक शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बड़वानी के प्राचार्य डॉ. एनएल गुप्ता के मार्गदर्शन स्वामी विवेकानंद कॅरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ द्वारा कॉलेज चलो अभियान संचालित किया जा रहा है। डॉ. गुप्ता ने बताया कि इसके अंतर्गत सत्र 2023-24 में कॉलेज में एडमिशन लेने वाले विद्यार्थियों, उनके अभिभावकों और विद्यालयों के शिक्षकों को कॉलेज में उपलब्ध कोर्सेस, शासन की शिक्षा से संबंधित हितग्राही मूलक योजनाओं और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की व्यवस्थाओं के बारे में बताया जा रहा है। यह जानकारी उन्हें उच्च शिक्षा प्राप्त करने के संबंध में सही निर्णय लेने में सहयोग करेगी।
ऐसे होती है एनइपी के अनुसार पढ़ाई
कॉलेज चलो अभियान के नोडल अधिकारी डॉ. मधुसूदन चौबे ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत स्नातक स्तर की पढ़ाई में पूर्व की तुलना में बहुत अधिक परिवर्तन आये हैं। उन्हें एडमिशन के पहले जान लेना जरूरी है। प्रमुख परिवर्तन इस प्रकार हैं-
– मेजर विषय – फर्स्ट इयर में एडमिशन लेने वाले विद्यार्थियों को एक मेजर विषय चुनना होता है। मेजर विषय के कुल दो प्रश्नपत्र होते हैं। स्नातक स्तर पर चुने गये मेजर विषय में आगे चलकर स्नातकोत्तर की शिक्षा प्राप्त की जाती है, अतः विद्यार्थियों को जो विषय सबसे अच्छा लगता है और जिसमें वे आगे की पढ़ाई करना चाहते हैं तथा जो उनके कॅरियर संबंधी लक्ष्य को प्राप्त करने में सहयोग प्रदान करे, वही विषय उन्हें मेजर विषय के रूप में चुनना चाहिए।
– माइनर विषय – विद्यार्थियों द्वारा अध्ययन के लिए एक विषय माइनर विषय के रूप में चुना जाता है। अपनी दूसरी पसंद का विषय माइनर विषय के रूप में लिया जाना चाहिए। सेकंड इयर में मेजर और माइनर विषयों को आपस में बदलने का भी प्रावधान होता है। कुछ अतिरिक्त कार्य करके माइनर विषय में भी पीजी करने की सुविधा प्राप्त की जा सकती है। माइनर विषय का भी एक ही पेपर होता है।
– इलेक्टिव विषय – यह व्यवस्था अत्यंत उपयोगी और रोचक है। इसमें विद्यार्थी को अपने संकाय के साथ-साथ अन्य संकाय के किसी विषय को भी पढ़ाई के लिए चुनने का अवसर प्राप्त होता है। जैसे-बी.ए. प्रथम वर्ष का विद्यार्थी इलेक्टिव विषय के रूप में कला संकाय के विषय जैसे इतिहास आदि तो चुन ही सकते हैं, वे यदि चाहे ंतो विज्ञान या वाणिज्य के उपलब्ध इलेक्टिव विषय में से किसी विषय का चयन कर सकते हैं। विद्यार्थी को एक सीमा में बांधने की अपेक्षा यह शिक्षा नीति उसे अन्तर्विषयी अध्ययन करने का अवसर प्रदान करती है। इलेक्टिव विषय का भी एक ही पेपर होता है।
– वोकेशलन विषय – यह एनइपी की एक महत्वपूर्ण देन है। उच्च शिक्षा विभाग ने प्रथम वर्ष के स्तर पर 35 वोकेशनल सब्जेक्ट्स उपलब्ध कराये हैं। विद्यार्थी इन विषयों में से जिन विषयों के अध्यापन की व्यवस्था उनके द्वारा प्रवेश के लिए चुने गये कॉलेज में है, उनमें से किसी एक वोकेशनल या व्यावसायिक विषय का चयन कर सकता है। एडमिशन लेने के पहले यह पता कर लीजिए कि आपके कॉलेज में कौन-कौनसे व्यावसायिक विषय पढ़ाये जा रहे हैं? उन्हीं में से किसी एक विषय का आपको चयन करना है। वोकेशनल विषय का एक लिखित पेपर होता है।
– फाउंडेशन कोर्स- आधार पाठ्यक्रम के अंतर्गत चार प्रश्नपत्र होते हैं। फर्स्ट इयर में हिन्दी भाषा, अंग्रेजी भाषा, योग एवं ध्यान तथा पर्यावरण का अध्यापन किया जाता है। इन प्रश्नपत्रों की परीक्षा वस्तुनिष्ठ प्रश्नों पर आधारित होती है। प्रत्येक प्रश्नपत्र में पचास प्रश्न पूछे जाते हैं, जिनके उत्तर ओएमआर शीट पर दिये जाते हैं। आधार पाठ्यक्रम का अध्ययन सभी संकायों के विद्यार्थी करते हैं।
– फिल्ड स्टडी – विद्यार्थियों को व्यावहारिक ज्ञान से रूबरू करवाने के लिए फिल्ड स्टडी की व्यवस्था की गई है। इसमें विद्यार्थियों के पास चार विकल्प हैं- फिल्ड प्रोजेक्ट, इंटर्नशिप, अप्रेंटिसशिप एवं कम्युनिटी इंगेजमेंट एंड सर्विसेस। फिल्ड प्रोजेक्ट ग्रुप में तैयार किया जाता है और बाकी तीन प्रत्येक विद्यार्थी को अकेले ही सम्पन्न करनी होती है। विद्यार्थी इन चार में से किसी एक का चयन करता है। फिल्ड पर स्टडी करने के लिए उसे संस्था और विशेषज्ञ उपलब्ध कराये जाते हैं। अपनी स्टडी के आधार पर वह प्रतिवेदन तैयार करता है। इसकी लिखित परीक्षा नहीं होती है।
– प्रेक्टिकल – साइंस के सभी विषयों में प्रेक्टिकल होते हैं। भूगोल, मनोविज्ञान जैसे कला संकाय के विषयों में भी विद्यार्थी प्रेक्टिकल देते हैं।
कॉलेज चलो अभियान में सहभागी कार्यकर्तागण प्रीति गुलवानिया और वर्षा मुजाल्दे ने बताया कि एनइपी से संबंधित किसी भी जिज्ञासा का समाधान करने के लिए विद्यार्थी और उनके अभिभावक कॅरियर सेल में संपर्क कर सकते हैं। बहुत से विद्यार्थी जानकारी न होने के कारण मेजर, माइनर, इलेक्टिव, वोकेशनल, फिल्ड स्टडी आदि का ठीक से चयन नहीं कर पाते हैं और फिर कठिनाइयों तथा परेशानियों का सामना करते हैं।
कॉलेज चलो अभियान में किरण वर्मा, अंकित काग, राहुल भंडोले, कोमल सोनगड़े, वर्षा मालवीया, जगमोहन गोले, राहुल सेन, उमा फूलमाली, दिव्या पाटिल, प्रदीप ओहरिया, सुरेश कनेश, स्वाति यादव, सुभाष चौहान, पूनम कुशवाह, वर्षा शिंदे, दिलीप रावत, उमेश किराड़, उमेश राठौड़, खुशी अग्रवाल, वेदांती पाटीदार, वैष्णवी कौशल, शैली सोनी आदि कार्यकर्तागण सहयोग कर रहे हैं।