विविध

साधना नगर में लगी संस्कारों की पाठशाला

आठ दिवसीय जैनत्व शिक्षण शिविर प्रारंभ

इंदौर से विनोद गोयल की रिपोर्ट: —

  • बचपन से लेकर पचपन उम्र तक ने जाना जैन संस्कार व संस्कृति को
  • सामूहिक प्रशिक्षण के साथ ही अलग-अलग ग्रुपो में लगी कक्षाऐं
  • 3 स्थानों पर एक ही समय में बच्चों को दे रहे संस्कारों की शिक्षा-दीक्षा
  • शहर की अलग-अलग कालोनियों से बस द्वारा आए 600 से अधिक बच्चों ने लिया शिविर में भाग

इंदौर । बच्चों में जैनत्य के संस्कार, संस्कृति व धर्म से जोडऩे के उद्देश्य से शनिवार को साधना नगर स्थित जिनालय पर आठ दिवसीय जैनत्व शिक्षण शिविर का शुभारंभ किया गया। सुबह 6.30 बजे विभिन्न क्षेत्रों से आए 600 से अधिक बच्चों ने जिनेन्द्र अभिषेक एवं पूजन की विधि जानी व अभिषेक पूजन किया। इसके पश्चात सामूहिक पाठशाला में जैनत्य के संस्कार से परिचित कराया गया।

श्री दिगम्बर जैन कुन्दकुन्द परमागम ट्रस्ट (साधना नगर) एवं जैनत्व बाल संस्कार शिक्षण शिविर अध्यक्ष विजय बडज़ात्या, मीडिया प्रभारी महावीर जैन एवं शिविर संयोजक पं. तेजकुमार गंगवाल ने बताया कि जैनत्व बाल संस्कार शिक्षण शिविर साधना नगर जिनालय, चंद्रप्रभु मांगलिक भवन अंजनी नगर एवं फॉरचून किड्स प्री स्कूल शिक्षक नगर में आयोजित किया जा रहा है। जिसमें 600 से अधिक बच्चों जैन संस्कारों की शिक्षा-दीक्षा प्राप्त कर रहे हैं। बच्चों के साथ-साथ उनके अभिभावकों के लिए प्रौढ़ कक्षाएं लगाई जा रही है जिसमें प्रवचनकार पं. प्रवीण शास्त्र एवं पं. अशोक मांगलुकर प्रवचनों की अमृत वर्षा कर रहे हैं। साधना नगर जिनालय सहित अन्य दो स्थानों पर जारी जैनत्व शिक्षण शिविर में शास्त्र प्रवचन, जिनेन्द्र भक्ति का अध्ययन बच्चों को कराया जा रहा है।

मानव का प्रथम निर्माण मां के हाथों होता है- शिक्षण शिविर में प्रथम दिन प्रवचनकार व विद्वत जनों ने सभी अभिभावकों व बच्चों को शिविर में में कहा कि विद्यालय व पाठशाला ज्ञान के केंद्र होते हैं, जीवन निर्माण की प्रयोगशाला होते है और समाज व राष्ट्र की दूरी होते हैं। मानव का प्रथम निर्माण माँ के हाथों होता है और दूसरा निर्माण विद्यालयों व पाठशालाओं में शिक्षक द्वारा होता है। हमारे विद्या केंद्र में, संस्कार शालाओं में, धार्मिक पाठशालाओं में सुसंस्कार, धर्म के मूल सिद्धांत, नैतिक जीवन व शिष्टाचार की शिक्षा मिलती है जिससे बच्चे का जीवन पथ सुगम सहज बनता है। धर्म के साथ ही संस्कृति का शिक्षण, सेवा साधना का प्रशिक्षण भी मिलता है। संस्कारशाला तो एक फैक्ट्री है जो सच्चे, सदाचारी और सुसंस्कारी व्यक्तित्व का निर्माण कर महत्वपूर्ण योगदान देती है।

20 से अधिक विद्वत दे रहे संस्कारों का ज्ञान- महामंत्री सुशील काला ने बताया कि साधना नगर एयरपोर्ट रोड़ स्थित पंचबालयति जिनालय पर प्रतिवर्ष अनुसार आयोजित जैनत्व बाल संस्कार शिक्षण शिविर का यह 23 वां वर्ष है। तीनों स्थानों पर आयोजित यह शिक्षण शिविर में बच्चों को संस्कारित करने हेतू पं. रितेश शास्त्री सनावद, पं. अशोक मांगुलकर राघौगढ व अन्य विद्वतगणो में पं. सौरभजी शास्त्री, प गौरवजी शास्त्री, पं. अशोकजी शास्त्री उज्जैन सहित अनेक स्थानीय विद्वान संस्कार, संस्कृति व धर्म का ज्ञान देंगे। वहीं इसी के साथ बड़ो के लिए प्रोढ कक्षा पं. अशोकजी मांगुलकर एवं पं. सौरभजी शास्त्री द्वारा ली जा रही है।

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