बड़वानी

बड़वानी। सात वर्ष से बिछड़े ओडुम्बर को आशा आश्रय ने मिलवाया अपने परिवार से

बड़वानी। रमन बोरखड़े।जहां चाह वहां राह कुछ इस तरह की मंशा लेकर आशा ग्राम ट्रस्ट द्वारा चौकसी वाला ज्वेलर्स के महती सहयोग से तथा कलेक्टर एवं आशा ग्राम ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ राहुल हरिदास फटिंग के मार्गदर्शन में अब तक परिवार से बिछड़े इकतीस मनोरोगी पुनः अपने मूल परिवार में लौटे हैं। सोलापुर महाराष्ट्र के निवासी श्री ओडुंबर को भी सात वर्ष बाद अपना मूल परिवार आशा आश्रय गृह के प्रयासों से मिल गया। लंबे समय से परिवार से लापता होकर यह लगभग दो वर्ष से आशाआश्रय गृह में उपचार प्राप्त कर रहे थे ।ओडुंबर अब पूरी तरह से स्वस्थ हैं। यह सब संभव हो पाया है वरिष्ठ पदाधिकारीयो के मार्गदर्शन एवं आशा आश्रय एवं आशाग्राम ट्रस्ट के निष्ठावान कार्यकर्ताओं के सामर्थ्य से।

मनोरोग विशेषज्ञ डॉ राहुल पाटीदार के द्वारा निरंतर मिल रही निशुल्क चिकित्सा सेवाएं मनोरोगियों के इस पुनर्वास प्रकल्प को सफलता प्रदान कर रही है। वही अब चौकसी वाला ज्वेलर्स के साथ-साथ कोई भी सेवाभावी व्यक्ति आशा आश्रय के सेवा प्रकल्प में मनोरोगियों को दी जा रही विभिन्न सेवा सुविधाओं में सहभागी बन सकता है। आशा आश्रय गृह के संचालक एवं आशा ग्राम ट्रस्ट के न्यासी श्री राजेंद्र चौकसी ने बताया कई लोगों के द्वारा आशा आश्रय गृह में मनोरोगियों को दी जाने वाली सुविधाएं जिनमे मेडिसिन ,भोजन ,वस्त्र ,खेलकूद की सामग्री इत्यादि के अतिरिक्त अन्य संचालन व्यवस्था में सहयोग प्रदान करने की अपनी मंशा जाहिर की है । उन्होंने कहा अभी तक आशा आश्रय गृह के संपूर्ण संचालन व्यवस्था का दायित्व चौकसी वाला ज्वेलर्स के द्वारा निर्वाह किया जा रहा है। लोगों की इच्छा का सम्मान करते हुए हमारा प्रयास है कि यह प्रकल्प एकल ना होकर समग्रता के साथ संपूर्ण समाज की सहभागिता से निरंतर चलता रहे तथा समाज का उजास परिदृश्य भी इसमें परिलक्षित होता रहे यही हमारा संकल्प है। श्री चौकसी ने आह्वान किया की समाज के वंचित वर्गों को मुख्य धारा में लाने के प्रयास में हमारे सेवा प्रकल्प में सहभागी बने। सभी प्रकार के दान में एटी जी के तहत इनकम टैक्स में छूट प्रदान की जाती है। इस दौरान आशा आश्रय गृह के श्री समाधान पाटील एवं श्रीमती साधना भावसार उपस्थित थे।

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