बड़वानी; पुरानी बावड़ियां एवं कुएं है हमारे पूर्वजो की विरासत इन्हे सहेजे-कलेक्टर डॉ. फटिंग

बड़वानी; जिस प्रकार से हम हमारे घर की कोई पुरानी वस्तु को संभाल कर इसलिए रखते है कि वो हमारे पूर्वजो की निशानी होती है। हम जब भी उन्हे देखते है तो हमे हमारे घर के बडे़-बूढ़ो की याद दिलाती है। उसी प्रकार हम हमारे ग्राम एवं घरों के आस-पास स्थित पुरानी जल संरचनाओं जैसे कुएं, बावड़ियो को भी हमारे पूर्वजो की विरासत की तरह ही सहेजे, उनमे गंदगी न फैलाये उनके जीर्णाेद्धार में शासन-प्रशासन के सहयोगी बने।
कलेक्टर डॉ. राहुल फटिंग ने उक्त बाते गुरूवार को जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत ग्राम चकेरी में स्थित प्राचीन बावड़ी में चल रहे जीर्णाेद्धार कार्य का निरीक्षण करते हुए उक्त बाते ग्रामीणों से कही। इस दौरान कलेक्टर ने ग्रामीणों से कहा कि जनसहयोग से इस बावड़ी का जीर्णाेद्धार किया जा रहा है, अतः अब ग्रामीणजन यह बात ध्यान रखेंगे कि अब इस बावड़ी में किसी भी प्रकार का कचरा फेंककर इसे गंदा नही करेंगे। उन्होने ग्रामीणों को यह भी बताया कि जल एवं वायु हमारे जीवन की महत्वपूर्ण आवश्यकता है, इन दोनों का संरक्षण करना मनुष्य जीवन के लिए बहुत अनिवार्य है। अतः हम जल संरचनाओं को सहेजे तथा पर्यावरण संरक्षण के लिए बारिश का समय आ गया है तो अनिवार्य रूप से एक पौधा जरूर लगाये।
मुकेश के खेत में जाकर देखा कुआं निर्माण कार्य को
जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत कलेक्टर ने ग्राम छापरी में कृषक श्री मुकेश के खेत में बन रहे कपिल धारा कूप निर्माण के कार्य को देखा। इस दौरान कृषक श्री मुकेश ने बताया कि 2.39 लाख रुपये की लागत से इस कूप का निर्माण किया जा रहा है। उनके कूप में 12 माह पानी की उपलब्धता रहती है, अतः अब वे अपने खेत में आसानी से सिंचाई का कार्य कर पायेंगे।
ग्राम पंचायत तक्यापुर में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के कार्य को देखा
कलेक्टर ने जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत ग्राम पंचायत तक्यापुर के पंचायत भवन में बन रहे रैन वाटर हार्वेस्टिंग हेतु किये जा रहे कार्याे का भी निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होने जनपद पंचायत सीइओ को निर्देशित किया कि वे ग्रामीण जनों को रैन वाटर हार्वेस्टिंग के बारे में बताकर वर्षा जल को सहेजने हेतु प्रेरित करे।
फत्यापुर में भी किया निरीक्षण
कलेक्टर ने जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत ग्राम फत्यापुर में पुराने कुएं के जीर्णाेद्धार कार्य का निरीक्षण करते हुए जनपद पंचायत ठीकरी सीईओ को निर्देशित किया कि कुएं के नजदीक ही आंगनवाड़ी संचालित है, अतः बच्चों का आना-जाना रहेगा अतः कुएं की दीवार को 2 फीट ओर उंची की जाये, जिससे कि बच्चे सुरक्षित रहे।