गरीबों की सड़क पर ‘हरियाली टैक्स’! वनभूमि से गुजरने पर रेंजर ने मांगी थी रिश्वत, रेंजर को किया स्थान्तर झाबुआ वन विद्यालय में।
जिले में लोकायुक्त की 10 वीं बड़ी कार्रवाई, रेंजर ने पहले भी महू में सस्पेंड हुआ। अब सड़क निर्माण के बदले ठेकेदार से मांगे थे 2 लाख रुपए।

आशीष यादव धार
सरकार के कुछ कर्मचारियों प्रशासन की छवि पर बट्टा लगाने में लगे हुए हैं। उनकी त्वनखा हजारों में होने के बाद उनका गुजर भरस नही हो पा रहा है। इसलिए भी इन दिनों सरकार के कुछ भष्ट कर्मचारियों रिश्वत के रूप में अपनी इनकम बढ़ने लगे हैं। इनके कारण विभाग में काम कर रहे ईमानदार कर्मचारी पर भी अब उंगलियां उठने लगी है।वहीं जिले में इन दिनों एक साल में लोकायुक्त द्वारा अब तक की दसवी करवाई की है। क्योकि कहते है कि जिंदगी भर नौकरी करने के बाद अगर लोकायुक्त की कार्रवाई होती है। मेहनत से लगी नौकरी पर भी दाग लग जाता है। जिसे धोए नही धुलते है। जिले में एसे कही मामले रिश्वत के इस साल में जिले में दस शासकीय सेवकों को लोकायुक्त ने पकड़ा ओर कार्रवाई की है। विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है बता देकि सरकारी विभागों में घूसखोरी का रोग दीमक की तरह अंदर तक घुस चुका है। जिसमें हर छोटे-बड़े काम के पहले अधिकारी-कर्मचारियों की जेब गर्म करनी पड़ती है। ये बात हम नहीं बल्कि लोकायुक्त विभाग को कार्रवाई के आंकड़े कह रहे है। धार जिले में पिछले एक साल में लोकायुक इंदौर अभी तक 10 अधिक स्थानों पर कार्रवाई करते हुए भ्रष्टाचार अधिकारी-कर्मचारियों को धर बदोचा। हालांकि जिस अंदाज में लोकायुक्त द्वारा कार्रवाई की जा रही है, उसकी तुलना में देषियों की सजा नहीं मिल पा रही है। शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र के माध्यम से निहित प्रावधान में वैभव उपाध्याय, वनक्षेत्रपाल वन परिक्षेत्राधिकारी बाग की जांच प्रभावित न हो.इसके लिए स्थानीय व्यवस्था अंतर्गत अस्थाई रूप से आगामी आदेश तक पदस्थिति वन विद्यालय झाबुआ, सामान्य वनमंडल झाबुआ किया गया है।
1 लाख की रिश्वत लेते पकड़ा रेंजऱ को पकड़ा:
धार वन मंडल की बाग रेंज में रेंजर वैभव उपाध्याय को लोकायुक्त ने 1 लाख की रिश्वत लेते पकड़ा है। बाग तहसील में आदिवासियों के टोली मंजरों के लिए बन रही 3 किमी लंबी सड़क जो वनभूमि की जगह से गुजर रही है।
सड़क पर खुद के लिए रिश्वत के रूप में टैक्स लगा दिया इस रोड से जनता और सरकार को कोई आपत्ति नही थी बस रेंजर सहाब को अपने चांदी काटने से इसलिए सड़क का काम बार-बार रुकवा रहे थे। और लागत का 3 फीसदी कमीशन देने की मांग ठेकेदार जितेंद्र वास्केल से की। जिसकी एवज मे 96 हजार की रिश्वत रेंजर ले चुका था। 2 लाख रुपए की डिमांड और कर रहा था। उसके बाद परेशान ठेकेदार ने शिकायत कर दी।
रिश्वत के लिए दफ़्तर में बुलाया:
अधिकांश अधिकारी रिश्वत के लिए फरियादियों को अन्य जगह बुलाते हैं मगर रेंजर साहब ने खुद फरियादी को पैसे लेकर अपने दफ्तर में बुलाया था। वही ठेकेदार ने कॉल किया ओर 1 लाख रुपए देने को कहा और जिसपर रेंजर ने दफ्तर में ही रकम लेकर आने के लिए कहा। ठेकेदार ने जैसे ही 1 लाख रुपए दिए, रेंजर ने रुपए टेबल के नीचे रखे काले बेग के नीचे रख दिए। ठेकेदार के बाहर निकलकर लोकायुक्त डीएसपी को संकेत दिया। लोकायुक्त की टीम ने कक्ष में प्रवेश कर रेंजर को रंगेहाथ पकड़ लिया।
महू में भी वनभूमि बेच दी थी
रेंजर उपाध्याय ने महू के गांव आशापुरा में 4-5 हेक्टेयर वनभूमि भी बिकवाने में मदद की थी। रेंजर ने अपने चार-पांच दोस्तों की एक संस्था बनाकर जमीन उनके नाम करवाने में मदद की। फिर संस्था सदस्यों ने यह जमीन अलग-अलग लोगों के नाम रजिस्ट्री कर दी। शिकायत डीएफओ, मुख्य वन संरक्षक से की गई। इस जमीन पर फार्म हाउस, खेती का काम किया जा रहा है। तीन से चार करोड़ रुपए में जंगल की यह जमीन बेची गई थी। वही जिसके बाद सस्पेंड किए गए और साहब भोपाल जाना पड़ा। उसके बाद बाग रेंज के रेजर बनकर आये और गरीब गाँव तक सड़क बने के पैसे मांगे। रेंजर उपाध्याय के कही कारनामे है जिसके कारण भी वह सुर्खियों में रहते हैं। वही पिछले दिनों बाग पदस्थ में एक तेंदुए की मौत हुई वह भी इनकी रेंज है। जिसको लेकर इनको नोटिस भी मिला था। वह तेंदुए की मौत के बाद टीम बनाई जिसमे सरदारपुर एसडीओ जांच कर रहे हैं।
96 हजार रुपए रिश्वत के ले चुका था:
तीन किलोमीटर की सड़क वन विभाग के क्षेत्र में आती है, इसलिए इस भाग में कार्य की अनुमति वन विभाग से ले ली थी। रेंजर वैभव उपाध्याय ने अचानक काम रुकवा दिया। वह निर्माण की लागत का तीन प्रतिशत कमीशन के रूप में मांग रहा था। उसने कुछ समय पहले ही 96 हजार रुपए ले लिए थे। उसके बाद ओर पैसों की डिमांड की जा रही थी। वही सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बाग़ क्षेत्र में इन दिनों जगलो से लकड़ी कटाई का काम भी जोरो से चल रहा था। रात के अंधरो में लकड़ी की गाड़िया इंदौर जाती है। वही इसपर आज तक साहब ने करवाई नही की।
तीन दिन में कार्रवाई करने का नियम:
एजेंसी द्वरा कार्रवाई करने के बाद अधिकारी कर्मचारियों पर लोकायुक्त की कार्रवाई होती है व जानकारी व सूचना किसी भी माध्यम से मिली है तो विभाग को उसको तीन दिन के अंदर उसके कर्मचारियों व अधिकारी का अटैचमेंट या स्थानांतरण करना होता है। यदि विभाग को किसी प्रकार की जानकारी नहीं मिलती है। तो समाचार पत्र व मीडिया के माध्यम व दूरभाष से प्राप्त सूचना पर भी उसका स्थानांतरण किया जा सकता है। वही रेंजर पर विभागीय कार्रवाई इंदौर व भोपाल स्तर पर की जायेगी।
अब तक 10 कार्रवाई लोकायुक्त पुलिस ने की:
●जिले में तीन जनवरी को धरमपुरी में हुई थी। यहां जनपद के सहायक अकाउंट ऑफिसर आशाराम भगोरे को पकड़ा था।
●26 अप्रैल 2024 जनपद तिरला केंद्र निसरपुर में पदस्थ ब्लॉक एकेडमिक कोअर्डिनेटर बृजमोहन गर्ग 3000 रुपए को रिक्षत धराया था।
● 12 जून 2024 जिला प्रबंधक सोइसमों-गर्वनेंस सेंटर आरोपी अरविंद्र वर्मा और रवि सिंह गहलोत जिला समन्वयक सीएससी सेंटर 12 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए ट्रैप किया गया था।
●14 सितंबर 2024 उमरबन में तत्कालीन जनपद सीईओ काशीराम कानूड़े को लोकायुक्त ने 25 हजार रिश्वत लेते हुए पकड़ा था।
● 9 नवंबर 2024 गंधवानी की जनपद पचायत में पदस्थ लेखापाल मनोज कुमार बैरागी को 40 हजार की स्थित लेते पकड़ा था।
● 14 दिसंबर 2024 धार जिला मुख्यालय पर स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ वरिष्ठ चिकित्सक व जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुधीर मोदी को लोकायुक्त ने उनके पर 25 हजार को रिक्षात लेते पकड़ा था
● 20 दिसंबर 2024 वन विभाग की 10 बीघा जमीन पर पट्टा दिलवाने के बदले वनपाल दयाराम वर्मा को 10 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा।
●1 मार्च 2025 को जिले के कानवन में कॉलेज प्रोफेसर को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ ट्रेप किया है। डॉ. मंजू पाटीदार को रिश्वत राशि 9 हज़ार की रिश्वत लेते पकड़ा।
● 21 मार्च 2025 प्रधान आरक्षक के सहयोगी को रिश्वत लेते हुये रंगे हाथ पकडा,झगडे के प्रकरण मे नाम हटाने पर राजोद थाने के प्रधान आरक्षक ने मांगे थे 50 हजार, की मांग की थी।
● 9 अप्रैल 2025 धार जिले में वन विभाग के रेंजऱ वैभव उपाध्याय कोने 2 लाख रू. की रिश्वत मांग रहा था रेंजर, एक लाख रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया इस साल की बड़ी कार्रवाई लोकायुक्त पुलिस ने कि।