भागवत कथाओं में हो रही उछल कूद और नाच-गानों पर महामंडलेश्वर ने कथाकारों को लिया आड़े हाथों

इंदौर, । युग पुरुष स्वामी परमानंद गिरि महाराज (हरिद्वार) के शिष्य, महामंडलेश्वर स्वामी ज्योतिर्मयानंद गिरि ने आज बिजासन रोड स्थित अखंड धाम आश्रम पर चल रहे 55वें अ.भा. अखंड वेदांत संत सम्मेलन में उन भागवत कथाकारों को आड़े हाथों लिया, जो भागवत कथा के नाम पर कथा में नाचते-गाते हैं और फिल्मी गीतों पर उछलते-कूदते हैं। वे कथाकार भी इसमें कम जिम्मेदार नहीं हैं, जो व्यासपीठ पर बैठकर धनार्जन में जुटे हुए हैं। जो स्वयं कामनाओं में डूबे हुए हैं, वे भागवत कथा सुनाकर भक्तों का कल्याण कैसे करेंगे। प्रायः भागवत कथा उन्हें सुनाई जाती है, जिनकी मृत्यु नजदीक हो। जिनकी मृत्यु इतने निकट हो, क्या वे नाच-गा या उछल-कूद कर सकते हैं। विडंबना तो यह भी है कि अनेक लोग ऐसे भी हैं, जो व्यासपीठ पर दारू पीकर बैठते हैं और लोगों को दारू के फायदे बताते हैं। इस तरह से कथाओं के नाम पर जो कुछ हो रहा है, उस पर गंभीरता से ध्यान देना होगा।
स्वामी ज्योतिर्मयानंद ने यह उदबोधन अपने गुरू, युगपुरुष स्वामी परमानंद गिरि एवं जगदगुरू शंकराचार्य भानपुरा पीठाधीश्वर स्वामी ज्ञानानंद तीर्थ एवं अन्य संतों की मौजूदगी में दिया। उनके इस उदबोधन को राज्य के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, विधायक रमेश मेंदोला, म.प्र. मेला प्राधिकरण तीर्थ दर्शन समिति के अध्यक्ष माखनसिंह चौहान, भाजपा के जिलाध्यक्ष डॉ. राजेश सोनकर, नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे सहित अनेक पार्षदों ने भी सुना। इसके पूर्व युग पुरुष स्वामी परमानंद एवं जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी ज्ञानानंद तीर्थ के आश्रम आगमन पर महामंडलेश्वर डॉ. स्वामी चेतन स्वरूप, संत राजानंद, आयोजन समिति के अध्यक्ष हरि अग्रवाल, संयोजक निरंजनसिंह चौहान गुड्डू, सचिन सांखला, ठा. विजयसिंह परिहार आदि ने उनका स्वागत किया। मंच का संचालन स्वामी नारायणानंद ने किया।