बड़वानी; बैंक शाखा प्रबंधक को रिश्व्त लेने के आरोप में 04 वर्ष की जेल एवं 5 हजार रूपये जुर्माने से दण्डित किया गया

बड़वानी
न्यायाधीश प्रथम अपर सत्र न्यायालय बडवानी श्री कैलाश प्रसाद मरकाम बड़वानी ने पारित अपने फैसले में आरोपी जितेन्द्र पिता श्री कपिल देवनारायण सिन्हा बैंक शाखा प्रबंधक खेतिया निवासी खेतिया को रिश्वत लेने के आरोप में धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम एवं धारा 13(1)(डी), 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में 4-4 वर्ष एवं 5-5 हजार रूपये के अर्थदंड से दंडित किया गया। अभियोजन की ओर से पैरवी जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री बीएस चौहान एवं श्री सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी सरदारसिंह अजनारे द्वारा की गई।
अभियोजन मीडिया प्रभारी सुश्री कीर्ति चौहान द्वारा बताया गया कि 06 अक्टूबर 2015 को आवेदक कृषक श्री जीवन चौधरी निवासी ग्राम मेलन ने बताया कि उसके पिता हरि चौधरी का बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा खेतिया में संयुक्त सेविंग खाता था। आवेदक के पिता ने जुलाई 2015 में कृषि ऋण (क्राप लोन) के लिये आवेदन करने पर 4 लाख रूपये का क्राप लोन स्वीकृत हुआ था। आवेदक के पिता काफी वृद्ध होने व चलने-फिरने में असमर्थन होने से बैंक की सारी कार्यवाही आवेदक ही कर रहा है व आवेदक कम पढ़ा लिखा होने के कारण उसके चाचा कृष्ण चौधरी के साथ 26 सितम्बर 2015 को बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा खेतिया जाकर वरिष्ठ शाखा प्रबंधक अभियुक्त से मिला तो अभियुक्त जितेन्द्र ने लोन स्वीकृत के एवज में आवेदक से 10 हजार रूपये रिश्वत की मांग की और आवेदक पर दबाव बनाकर 5 हजार रूपये उक्त 26 सितम्बर 2015 को ही ले लिये थे। 05 अक्टूबर 2015 को आवेदक द्वारा बैंक से 2 लाख रूपये निकाले तब बाकी के 2 लाख रूपये निकलवाने के लिये आवेदक ने अभियुक्त से निवेदन किया तो अभियुक्त ने कहां था कि 08-10 दिन बाद निकाल लेना। 06 अक्टूबर 2015 को पुनः आवेदक उसके चाचा कृष्णा चौधरी के साथ बैंक जाकर शेष 2 लाख रूपये निकलवाने के लिये अभियुक्त से निवेदन किया तो अभियुक्त ने कहा कि 1 लाख 90 हजार रूपये निकाल लो और 10 हजार रूपये मत निकालो, क्योंकि अभी 5 हजार रूपये रिश्वत के नहीं दिये है। जब तक रिश्वत राशि नहीं दोगे तब तक पैसे नहीं निकालने देगा। आवेदक के चाचा कृष्णा चौधरी द्वारा कई बार निवेदन करने पर अभियुक्त के द्वारा 2 लाख रूपये बैंक से निकाल लिये जाने का कहने पर आवेदक ने शेष 2 लाख रूपये निकाल लिये। अभियुक्त आवेदक पर दबाव बनाकर आवेदक से शेष रिश्वत राशि के 5 हजार रूपये की मांग कर रहा था अभियुक्त से 06 अक्टूबर 2015 की हुई रिश्वत मांग संबंधी बातचीत को आवेदक के चाचा कृष्णा चौधरी ने मोबाईल फोन का रिकॉर्डर ऑन करके मोबाईल में रिकार्ड कर लिया था । जिसे आवेदक ने उसके चाचा कृष्णा चौधरी के साथ उपस्थित होकर पत्र के साथ प्रस्तुत किया है। आवेदक अभियुक्त जितेन्द्र को रिश्वत नही देना चाहता था, बल्कि उसे रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकडवाना चाहता था।
उक्त आवेदन पत्र की तस्दीक उपरांत उचित वैधानिक कार्यवाही करने की टीप अंकित कर निरीक्षक महेश सुनैया को दिया। आवेदन पत्र व तस्दीक से प्रथम दृष्टया प्रतीत होना कि अभियुक्त जितेन्द्र द्वारा आवेदक से रिश्वत राशि की मांग की पुष्टि होने पर निरीक्षक महेश सुनैया द्वारा अभियुक्त जितेन्द्र के विरूद्ध देहाती नालसी देहाती नालसी 0/107/15 अंतर्गत धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के अंतर्गत आरोप पंजीबद्ध किया जाकर, ट्रेप का आयोजन किया गया। 07 अक्टूबर 2015 को ट्रेप कार्यवाही की जाकर अभियुक्त की टेबल पर रिश्वत राशि 4000 रूपये विधिवत बरामद कर जप्ती की कार्यवाही की गयी। मौके पर पंचनामा की कार्यवाही की गयी। आरोपी जितेन्द्र सिन्हा बैंक शाखा प्रबंधक निवासी 28 चन्द्रशेखर मार्ग खेतिया के विरूद्ध अपराध धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 का अपराध घटित होना पाया जाने से अपराध सदर कायम कर विवेचना में लिया गया। फरियादी/आवेदक जीवन चौधरी की रिपोर्ट पर से विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त इन्दौर पर धारा 7, 13(1)डी, 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के अंतर्गत आरोपी के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया। विवेचना उपरांत न्यायालय मे चालान पेश किया गया।