आदिवासी बच्चों की शिक्षा व उत्थान के लिए बनेगा 100 सीटर छात्रावास
- अजजा आयोग राष्ट्रीय अध्यक्ष आर्य के प्रयासों से वनवासी श्रीराम आश्रम में बन सकेगा छात्रावास, जवाहरलाल नेहरू पोर्ट प्राधिकरण के अधिकारियों ने किया निरीक्षण

सेंधवा। रमन बोरखड़े। आदिवासी बच्चों की शिक्षा व उत्थान के लिए वनवासी श्रीराम आश्रम में 100 सीटर छात्रावास का निर्माण किया जाएगा। सीएसआर (कॉर्पाेरेट सामाजिक उत्तरदायित्व) योजना के तहत छात्रावास का निर्माण किया जाएगा। इसको लेकर जवाहरलाल नेहरू पोर्ट प्राधिकरण के अधिकारियों ने शनिवार को आश्रम का निरीक्षण कर विस्तृत जानकारी ली। अब प्रकरण तैयार कर आगे की कार्यवाही की जावेगी । उक्त जानकारी भाजपा प्रवक्ता सुनील अग्रवाल ने दी।
अग्रवाल ने बताया कि आदिवासी एवं वंचित वर्ग के विद्यार्थियों के लिए सुरक्षित, सुविधाजनक एवं आधुनिक छात्रावास के लिए अनुसूचित जनजाति आयोग राष्ट्रीय अध्यक्ष अंतरसिंह आर्य ने सीएसआर (कॉर्पाेरेट सामाजिक उत्तरदायित्व) की समीक्षा बैठक में आदिवासी बच्चों के उत्थान व उनके शिक्षा के लिए कार्य करने हेतु सुझाव देकर आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में 100 सीटर छात्रावास बनाने की इच्छा जाहिर की थी। अनुसूचित जनजाति आयोग राष्ट्रीय अध्यक्ष आर्य के सुझाव पर विभाग ने सीएसआर योजना के अंतर्गत 100 सीटर छात्रावास बनाने की योजना बनाई। जिसके तहत आर्य ने सेंधवा के वनवासी श्रीराम आश्रम में 100 बिस्तर का आश्रम बनाने के लिए कहा था। जिसके तहत जवाहरलाल नेहरू पोर्ट प्राधिकरण के अधिकारियों ने आश्रम का दौरा किया व निरीक्षण कर सुविधाओं एवं संरचनात्मक विशेषताओं की विस्तृत जानकारी प्राप्त की। आर्य ने बताया कि पश्चिम निमाड़ आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होकर यहां के बच्चों में शिक्षा के प्रति जागृति व साधनों के अभाव में बच्चे पढ़ नहीं पाते हैं। आदिवासियों की अधिकतर बसावट ग्रामीण क्षेत्र में होने से उन्हें बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है। शासन अपने स्तर पर प्रयास कर रहा है, किंतु सुविधाओं के अभाव में इसमें परेशानियां आ रही है। इसके लिए आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र की चार लाख की आबादी वाले सेंधवा विधान सभा क्षेत्र के बच्चे अच्छी शिक्षा हेतु सेंधवा पड़ने आते है। यहां उनके आवास व खाने पीने व अन्य सुविधाओं के अभाव से उन्हें परेशानियां उठानी पड़ती है। इसलिए देवझिरी मार्ग पर स्थित वनवासी श्रीराम आश्रम परिसर में 100 सीटर छात्रावास बनाने का विचार मेरे मन में आया। यहां पर पर्याप्त मात्रा में भूमि उपलब्ध होकर अनुकूल वातावरण निर्मित है ।
वनवासी श्रीराम आश्रम किसकी देन है
आर्य ने बताया कि वनवासी श्रीराम आश्रम की स्थापना पूर्व सांसद रामचंद्र विट्ठल बड़े ने की थी। उन्होंने अपनी जमीन को आदिवासी क्षेत्र छात्र के उत्थान के लिए आश्रम की स्थापना की थी। वहीं उनके नागरिक अभिनन्द के अवसर पर पूर्व प्रधानमंत्री व भारत रत्न अटलबिहारी वाजपेई जो पूर्व विदेश मंत्री भी सम्मिलित होकर उन्होंने 1 लाख रुपए की थैली भेंट की थी, जो सांसद बड़े ने आश्रम के निर्माण हेतु उक्त राशि आश्रम को दान कर दी थी। आज भी उक्त आश्रम में आदिवासी बच्चे रहकर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। चार एकड़ में बने वनवासी श्रीराम आश्रम में 100 सीटर छात्रावास के निर्माण से उनकी शिक्षा में कोई बाधा नहीं होगी और वे एक बेहतर भविष्य की ओर अग्रसर हो सकेंगे। आश्रम प्रबंधन ने इस सहयोग के लिए पोर्ट प्राधिकरण का आभार व्यक्त किया और आशा जताई कि यह परियोजना समाज के हित में एक मील का पत्थर साबित होगी।
सांसद व विधायक निधि से हुए काम-
अग्रवाल ने बताया कि वनवासी श्रीराम आश्रम में पूर्व में भी सांसद व विधायक निधि से आश्रम में विकास कर छात्रों के लिए भवन व आश्रम की बाउंड्री वाल का निर्माण कराया गया है। तत्कालीन विधायक व मंत्री अंतरसिंह आर्य ने विधायक निधि से छात्रावास का निर्माण कराया तो सांसद गजेंद्र सिंह पटेल ने सांसद निधि से बाउंड्री वाल व कमरे का निर्माण कराया गया है।