महाराष्ट्र की तर्ज पर मप्र में लागू करे संत सेवालाल महाराज बंजारा टांडा समृद्धि योजना; अजजा आयोग राष्ट्रीय अध्यक्ष अंतरसिंह आर्य ने मप्र के मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

सेंधवा। महाराष्ट्र राज्य की तर्ज पर मध्यप्रदेश में भी संत सेवालाल महाराज बंजारा टांडा समृद्धि योजना को लागू करने हेतु अनुसूचित जनजाति आयोग राष्ट्रीय अध्यक्ष अंतरसिंह आर्य ने मप्र के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को पत्र लिखा है। आर्य ने पत्र में संत सेवालाल महाराज बंजारा टांडा समृद्धि योजना को मप्र में भी लागू करने की सिफारिश की है। बता दे गत दिनों बंजारा समाजजनों ने अजजा आयोग अध्यक्ष अंतरसिंह आर्य से मुलाकात कर इस योजना का लाभ मप्र में भी दिलाए जाने को लेकर ज्ञापन सौंप कर मांग की थी। जिसके बाद आर्य ने सीएम को पत्र लिखकर मप्र में भी महाराष्ट्र जैसी योजना लागू किए जाने की मांग की है।
भाजपा प्रवक्ता सुनील अग्रवाल ने बताया कि विगत दिनों बंजारा समाज के लोगों ने अनुसूचित जनजाति आयोग राष्ट्रीय अध्यक्ष अंतरसिंह आर्य के सेंधवा निवास पर मुलाकात की थी। इस दौरान समाजजनों ने बताया था कि पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में संत सेवालाल महाराज बंजारा टांडा समृद्धि योजना संचालित की जा रही है। जिससे बंजारा समाज के उत्थान व विकास में सहभागी होकर शिक्षा व रोजगार के अवसर प्राप्त होकर उनका जीवन स्तर भी सुधर रहा है। अगर यह योजना मध्यप्रदेश में भी लागू होती है तो मप्र में रहने वाले घुमंतू एवं अर्द्ध घुमंतू जनजाति के निवासियों को शिक्षा व रोजगार के अवसर प्राप्त होकर उनका भी जीवनस्तर उठ जाएगा। समाजजनों ने इस योजना को मध्यप्रदेश में लागू करने हेतु आर्य मिलकर मांग पत्र सोंपा गया था। इस अवसर पर हुकुम पवार, श्रवण चौहान, संजय राठौर, राहुल पवार, हजारीलाल जाधव, रणजीत नायक, रामचंद राठौड़, करण पवार, करण चौहान, जालम जाधव, मानसिंह नायक आदि मौजूद थे।
घुमंतू एवं अर्द्ध घुमंतू जनजाति के विकास के लिए योजना लागू करे-
अनुसूचित जनजाति आयोग राष्ट्रीय अध्यक्ष आर्य ने इस मांग पत्र को मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को भेज कर संत सेवालाल महाराज बंजारा टांडा समृद्धि योजना को मध्यप्रदेश में भी लागू करने की सिफारिश कर लिखा है कि इस योजना से घुमंतू एवं अर्द्ध घुमंतू जनजाति के निवासियों को शिक्षा का स्तर बढ़कर रोजगार के अवसर प्राप्त होकर उनका जीवन स्तर भी बढ़ जाएगा। इस पर गंभीरता से विचार कर इस पर निर्णय लिया जाने का अनुरोध किया।