संतानों को चरित्रवान और नीतिवान बनाने के लिए माताओं का संस्कारित होना जरूरी- मुनिश्री
अंजनि नगर स्थित पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में पंचकल्याण महोत्सव का शुभारंभ

संतानों को चरित्रवान और नीतिवान बनाने के लिए माताओं का संस्कारित होना जरूरी- मुनिश्री
अंजनि नगर स्थित पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में पंचकल्याण महोत्सव का शुभारंभ
इंदौर । माताएं और परिवार संस्कारित होंगे तो हमारी संतानें भी चरित्रवान, नीतिवान और श्रेष्ठ संस्कारों से संपन्न होंगी । मां बच्चों की पहली गुरु होती है। बचपन के संस्कार व्यक्ति को पचपन तक नहीं, जीवन पर्यंत अच्छा इंसान बनाए रखते हैं। माताओं को भी समझना चाहिए कि वह श्रेष्ठ समाज और समृद्ध राष्ट्र की निर्माता है। जन्म केवल बच्चों का ही नहीं, मां का भी होता है। मातृत्व ही स्त्री की परिपूर्णता है। संत, महात्मा और विद्वान भी मां की गोद में संस्कारित होते है।
ये प्रेरक विचार है मुनिश्री आदित्य सागर म.सा. के, जो उन्होंने एयरपोर्ट रोड स्थित अंजनि नगर पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर के तत्वावधान में चल रहे श्री नेमिनाथ जिनबिम्ब पंच कल्याणक महोत्सव में गर्भ कल्याणक प्रसंग की धर्मसभा में व्यक्त किए। सुबह 6 बजे जैन मंदिर से घटयात्रा निकल गई, जिसमें समाज के सैकड़ों बंधुओं ने परंपरागत परिधान में पूरे उत्साह के साथ भाग लिया। घटयात्रा सुखदेव नगर मंदिर पहुंची, जहां भगवान का जलाभिषेक किया गया। शांति धारा बोली का पुण्य लाभ राजकुमार-साधना जैन, अमित-प्रियंका गदीया ने उठाया । मुनिश्री का पाद प्रक्षालन हेमंत-अनीता गदीया एवं दुर्ग के समाजबंधुओ ने किया। सकलीकरण के बाद मुनिश्री के प्रवचनों की अमृत वर्षा संपन्न हुई।
अध्यक्ष देवेंद्र सोगानी एवं उपाध्यक्ष ऋषभ पाटनी ने बताया कि इसके पूर्व शुक्रवार रात्रि में माता मरुदेवी की गोद भराई की रस्म सौभाग्यवती महिलाओं ने की। नाट्य मंचन में 16 स्वप्नों का फल बताया गया। दोपहर में प्रतिष्ठाचार्य नितिन पाटोदी ने याज्ञ मंडल की पूजा संपन्न कराई। पूरे आयोजन में संजय मोदी, दिलीप l लोहारिया, अशोक टोंग्या, चंद्रकुमार गोधा एवं अन्य बंधुओं ने व्यवस्थाएं संभाली। अंत में आभार माना ऋषभ पाटनी ने।