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सुबह व शाम मौसम हो रहा ठंडा ठंडक बढ़ने से फसलों में आई चमक, अच्छे उत्पादन की उम्मीद

एक दम तापमान बढ़ने से गेहूं ,चना, अन्य फसल का नुकसान का अंदेशा।

आशीष यादव धार

फरवरी के दूसरे सप्ताह में मौसम का मिजाज फिर से बदल गया है। पहले सप्ताह तक कड़ाके की ठंड पडने के बाद अब धीरे-धीरे रात के न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी हो रही है। वहीं दिन का तापमान गिरने लगा है। बीते दो-तीन दिन में न्यूनतम तापमान बढ़ा है। जैसे-जैसे फसल पकने की ओर है वैसे ही ठंड भी अपना असर दिखा रही है। सर्द मौसम भले ही आम लोगों को ठिठुरने के लिए मजबूर कर रहा हो, लेकिन इस मौसम ने किसानों के चेहरे पर मुस्कान ला दी है। गेहूं के लिए यह मौसम काफी फायदेमंद है। ठंड बढ़ने से किसान अच्छी पैदावार की संभावना जता रहे है। लहसुन चना, मटर जैसी फसलों को ठंड और रोग से बचाने को सल्फर का स्प्रे किया जा सकता है। इसके इस्तेमाल से फसलों में रोग की संभावना कम हो जाती है। दिसंबर व जनवरी के बीच गेहूं में ठंड के लिए सबसे अच्छा होता है। गेहूं की फसल को लेकर किसान इस बार उत्साहित नजर आया। मौसम ने भी उसका पूरा साथ दिया।

गेहूं की फसल में बाली आई
अगेती फसल करने वालों की गेहूं की फसल में बाली आ गई है। वही फसलों अच्छी होने से किसानों के चेहरे खिले हुए हैं। ठंड से गेहूं की फसल के उत्पादन को लेकर काफी खुश है। मौसम की अनुकूलता को देखते हुए किसानों को पहले से ही अच्छी फसल होने की उम्मीद है इस बार दिसम्बर में ठंड ने फसलों का लाभ मिलेगा। वही मावठे की बारिश ने भी गेहूं की फसल को लाभपहुंचाया है। अगेती फसल करने वाले किसानों को मौसम का पूरा लाभ मिला। किसानों को ठंड से गेहूं का उत्पादन भी अच्छा मिलेगा।

ठंड बढने से मिलेगा फसलों को फायदा:
पिछले सप्ताह से ठंड ने अपना असर दिखाना भी शुरू कर दिया है। इसका फायदा रबी फसलों को सबसे ज्यादा हुआ है। दिसम्बर व जनवरी की ठंड ने रबी फसलों को काफी लाभ दिलाया। किसान किशोर यादव वही का कहना है कि इस बार फसल को बोवने के बाद भी अच्छी ठंड के चलते और मावठा से की बरसात के बाद मौसम ठंडा रहने से फसलों को फायदा हुआ है।वही आने वाले दिनों में फसल कटाई का काम चालू हो जायेगा अगर मौसम ऐसा ही ठंडा रहा तो गेंहू व अन्य फसलों का उत्पादन अच्छा होगा।

15 फरवरी के बाद मौसम में बदलाव:
मौसम विभाग के अनुसार अभी तापमान तेज होने लगा है लेकिन इसे ठंड की विदई नहीं कह सकती है। फरवरी के पहले व दूसरे सप्ताह में हल्की ठंड रह सकती है। न्यूनतम तापमान 9 से 10 डिग्री तक जा सकता है। कड़ाके की तेज ठंड आने की संभावना ना के बराबर है। 15 फरवरी के बाद मौसम में बदलाव होने लगेगा। उत्तरी हवा का दौर कम होने से धीर-धीरे तापमान बढने लगेगा। 15 फरवरी से ठंड की विदाई प्रारंभ हो जाएगी। मार्च के प्रारंभ तक गर्मी का असर तेज होने लगेगा गेहूं उपज की फरवरी के आखिर में गेंहूं सूखने लग जायेगी लेकिन अभी से उपज सूख रही है। ऐसे में फसल समय से पहले तैयार होगी। लेकिन उत्पादन पर नही होगा।

मौसम बदलने की यह वजह
मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 8 फरवरी को एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) उत्तर भारत पहुंचा था। इससे हवा का रुख दक्षिणी हो गया था। यहीं वजह है कि दिन व रात के तापमान में तेजी से इजाफा दर्ज हुआ। एक सप्ताह पहले तक प्रदेश में सर्द हवा की रफ्तार 36 से 40 किमी प्रतिघंटा तक पहुंच गई थी, लेकिन अब सर्द हवाएं नहीं आ रही है। इस वजह से गर्मी बढ़ गई है। शुक्रवार को तापमान 13.8 था वही अंचल में पिछले 10 साल के आंकड़ों पर नजर डालें, तो फरवरी महीने में रातें ठंडी और दिन गर्म रहते हैं।

ठंड अमृत के बराबर:
रबी की फसल में गेहूं में ठंड की फसल आवश्यकता होती वही अभी दिन व रात के तापमान अभी भी ठंडा है। गेहूं में उत्पादन पर भी इसका अच्छा प्रभाव पड़ेगा। ठंड से ही फसल की बढ़ोतरी होती है। वहीं गेहूं में ठंड अमृत के बराबर होता है।
जितेंद्र मंडलोई, किसान मलगांव

फसल को फायदा
इस बार मौसम दिसंबर जनवरी के दूसरे सप्ताह में ठंडा हुआ जो फरवरी तक है। वही इस समय मौसम ठंडा है वही आने वाले दिनों में मौसम अगर ठंडा रहा तो फसलों को भी फायदा होगा।
कालू सिंह डोडिया अनारद

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