बड़वानी ; भारत माता की जय और वन्दे मातरम के उद्घोष के साथ किया वर्षा का स्वागत

बड़वानी । सीमा की मिट्टी को मैंने गर्व के भाव और आंसुओं से किया नमन-वर्षा मालवीया जब मैं भारत और पाकिस्तान की अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर पहुँची तो मेरी आँखों में आंसू थे। मैंने वहां की पावन मिट्टी को नमन किया तो मैं यह सोच रही थी। कि यहाँ कितने भारतीय वीरों ने अपना बलिदान दिया होगा। मुझे मेरे देश की महान सेना के जाबांज सैन्य अधिकारियों पर बहुत गर्व महसूस हो रहा है।
ये बातें प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस शहीद भीमा नायक शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय बड़वानी के स्वामी विवेकानन्द करियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ के द्वारा आयोजित ‘मां तुझे प्रणाम योजना-सहभागिता की प्रक्रिया और महत्व’ विषय पर आयोजित परिचर्चा में वर्षा मालवीया ने कहीं। यह आयोजन प्राचार्य डॉ. वीणा सत्य के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। आयोजन की समन्वयक कार्यकर्ता प्रीति गुलवानिया और वर्षा मुजाल्दे ने बताया कि करियर सेल की कर्मठ कार्यकर्ता वर्षा मालवीया ने हाल ही में मध्यप्रदेश सरकार की माँ तुझे प्रमाण योजना के अंतर्गत यात्रा की वे दल प्रभारी रामचंद्र यादव, ललिता रोकड़े एवं शिवकुमार तोमर के नेतृत्व में राजस्थान स्थित भारत-पाकिस्तान सीमा पर गई। करियर सेल ने उनका आरती, तिलक, पुष्पहार और पुष्पवर्षा से स्वागत किया. छात्रा रितिका मुकाती ने आरती उतारी और तिलक किया. वर्षा मुजाल्दे ने पुष्पहार पहनाया एवं विद्यार्थियों ने पुष्पवर्षा की. आयोजन स्थल भारत माता की जय और वन्दे मातरम् के नारों से गूंज उठा।
ऐसा लगा मनोकामना पूर्ण हो गई। वर्षा मालवीया ने इस योजना के अंतर्गत यात्रा करने की प्रक्रिया की जानकारी दी और अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि ये सात दिन मेरे जीवन के सबसे यादगार दौरों में शामिल रहेंगे. सीमा पर स्थित तनोत माता मंदिर में माताजी के दर्शन करके ऐसा लगा जैसे जीवन के सब दुःख-पीड़ा खत्म हो गए. सकारात्मक ऊर्जा की अनुभूति हुई. हर युवा को इस यात्रा में शामिल होने का प्रयास करना चाहिए. यह यात्रा देश भक्ति और सेना के प्रति सम्मान की भावन में वृद्धि करती है। सहयोग स्वाति यादव, राहुल भंडोले, राहुल सेन, चेतना मुजाल्दे, सूरज सुल्या, विकास सेनानी, बादल धनगर, अनिल मंडलोई, अरविन्द चौहान और डॉ. मधुसूदन चौबे ने दिया।