सेंधवा। राजस्थान के शिक्षा मंत्री की आपत्तीजनक टिप्पणी, समाज में आक्रोश, पुतला जलाया

मदन दिलावर ने आदिवासियों के डीएनए टेस्ट कराने की बात कही थी, राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा
सेंधवा। रमन बोरखड़े। राजस्थान के शिक्षा मंत्री के द्वारा आदिवासी समाज पर डीएनए टेस्ट को लेकर दिए गए आपत्तीजनक बयान के बाद आदिवासी समाज में आक्रोश व्याप्त है। उक्त बायान के विरोध में आदिवासी जन संगठन ने शुक्रवार को सेंधवा में विरोध प्रदर्शन किया। राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का पुतला दहन किया। इसके बाद राष्ट्रपति के नाम एसडीएम को ज्ञापन देकर मदन दिलावर को मंत्री पद से हटाने सहित वैधानिक कार्रवाई करने की मांग की।
आदिवासी एकता परिषद के प्रदेश अध्यक्ष गजानंद ब्राह्मणे ने बताया कि राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कुछ दिन पहले आदिवासी समाज को धमकी देते हुए बयान दिया था कि आदिवासी हिंदू हैं और इनके बापों का डीएनए टेस्ट करवाऊंगा। जबकि आदिवासी भारत के मूल निवासी अनुसूचित जनजाति धर्म पूर्वी लोग हैं।
ब्राह्मणे ने कहा कि हम ना तो हिन्दू है ना मुस्लिम, ना सिक्ख, ना ईसाई और ना ही बौद्ध-जैन हैं। हम किसी भी ग्रंथ और उनके पुजारियों, पादरियों, गुरूओं, मौलवियों, मुनियों, भिक्षुओं से शासित और संस्कारित नहीं हैं। हम अपने समाज में प्रचलित प्राकृतिक सत्य मार्ग रुढ़ी प्रथा से शासित और संस्कारित होते आए हैं।

सत्ताधारियों का एकीकरण के कार्यक्रम के आधार पर हमारी मातृभाषा संस्कृति, सामाजिक ढांचा, रिति-रिवाज, धर्म और रहन-सहन को तुच्छ बताकर राजस्थान सरकार के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर हमें हिन्दू बता रहे हैं, जबकि भारत सरकार की गठित समितियों की रिपोर्ट जैसे एल्वीन समिति, देवड़ा समिति, दुबे समिति, भाटिया समिति, रायबर्मन समिति और अनूसूचित जाति जमाति का 29वां रिपोर्ट भी यही सवाल सरकार के सामने पेश किए हैं।
लेकिन उनकी रिपोर्ट और सूचना अब तक सरकार ने अमल में नहीं लाया गया है। जब कभी हम आदिवासी हमारी भाषा संस्कृति रीति-रिवाज धर्म इतिहास के हक की मांग करते हैं, तो सरकार हमारी मांगों को दबा देती है। हम भारत देश के आदिवासी अपने हक अधिकारों को लेकर सरकार के सामने अपनी मांगे रखते हैं। तब राजस्थान की सरकार में बैठे शिक्षा मंत्री अधिकार देने के बजाय हमें अलगाववाद और देश में बंटवारे करने वाले भाषण दे रहे हैं।
किला गेट पर पुतला जलाया-
ज्ञापन देने से पहले आदिवासी समाजजन किला गेट के सामने एकत्रित हुए। यहां पर नारेबाजी करते हुए शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का पुतला जलाया। इसके बाद सभी रैली के रुप में एसडीएम कार्यालय पहुंचे और यहां राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया।
तुरंत इस्तीफा ले लेना चाहिए-
आदिवासी एकता परिषद के प्रदेश अध्यक्ष गजानन ब्राह्मणे और पोरलाल खरते ने बताया कि राजस्थान के मुख्यमंत्री ने अपने शिक्षा मंत्री से तुरंत इस्तीफा ले लेना चाहिए। हमने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया है। जिसमें मांग की गई है कि शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को पद से हटाते हुए उनके ऊपर राजद्रोह या देशद्रोही का केस दर्ज होना चाहिए।
यह रहे मौजूद-
ज्ञापन देने के दौरान इस दौरान आदिवासी एकता परिषद प्रदेश अध्यक्ष गजानंद ब्राह्मणे, पोरलाल खरते, विजय सोलंकी, जुल्ली सेनानी, उर्मिला खरते, राहुल सोलंकी, कलम अवाया, गेंदराम डावर, मुकेश नार्वे, परसराम सेनानी, विवेक मेहता, दिनेश मेहता सुनील आर्य, कैलाश मोरे, प्रकाश ब्राह्मणे, सुनील सोलंकी,रतन निंगवाल, देवा जाधव, मगन जमरे, प्रकाश ब्राह्मणे, शिवजी किराड़े बड़ी संख्या में आदिवासी मुक्ति संगठन आदिवासी एकता परिषद सहित अन्य आदिवासी संगठन के कार्यकर्ता समाज के लोग मौजूद रहे।
