बड़वानी; जल संरचनाओं का हो मानसून पूर्व निरीक्षण-कलेक्टर डॉ. फटिंग

बड़वानी। कलेक्टर डॉ. राहुल फटिंग के निर्देशन एवं जिला पंचायत सीईओ काजल जावला के मार्गदर्शन में शुक्रवार को कलेक्टर कार्यालय बड़वानी के सभागृह में जिले में 05 जून से 16 जून तक नमामि गंगे परियोजना अभियान के संबंध में बैठक आयोजित की गई। बैठक में बताया गया कि इस अभियान के अंतर्गत जिला स्तर पर जिला स्तरीय एवं जनपद स्तर पर जनपद स्तरीय समिति का गठन किया जायेगा। जिसका मुख्य उद्देश्य जिले की ऐसी जल संरचनाएं (जैसे-नदी, तालाब, कुआं, बावड़ी आदि ) जो वर्तमान में अनुपयोगी हो गई है। उन जल संरचनाओं को अविरल बनाये जाने के लिए पूर्णाेद्धार/जीर्णाेद्धार एवं नवीनीकरण किया जायेगा। एवं आर्थिक रूप से भी उपयोगी बनाया जायेगा।
बैठक में अभियान की रूपरेखा के बारे में विस्तृत रूप से बताते हुए कलेक्टर डॉ. राहुल फटिंग ने बताया कि इस अभियान के तहत मिशन मोड में काम करना है। 05 जून विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य पर प्रत्येक ग्राम पंचायत में न्यूनतम एक कार्य प्रारंभ करना है। जिले में प्रवाहित होने वाली जल संरचनाओं के पुर्नजीवन एवं जीर्णाेद्धार के लिए। साथ ही यह भी निर्देशित किया कि जिला एवं जनपद स्तर पर सभी संबंधित विभाग मानसून के पूर्व जल संरचनाओं का निरीक्षण कर किये जाने वाले कार्याे की सूची बनाये एवं आपसी समन्वय से चिन्हांकित कार्याे को पूर्ण करे।

अभियान के तहत की जाने वाली गतिविधियां
– अभियान के अंतर्गत जल संरक्षण एवं संवर्धन के अपूर्ण कार्याे को प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण किया जाये।
– मनरेगा से निर्मित तालाब निर्माण के पूर्ण कार्य जो 05 वर्ष या अधिक पुराने है तथा उनके जीर्णाेद्धार एवं गहरीकरण का कार्य आवश्यक है तो अभियान अंतर्गत किया जाये।
– पुरानी बावड़ियों के जीर्णाेद्धार हेतु मनरेगा के प्रावधान के अनुरूप कार्य किया जा सकता है।
– जल संरचनाओं के चयन एवं उन्नयन कार्य में जीआईएस तकनीक का उपयोग किया जाये।
– जल संग्रहण संचनाओं में गाद निकालना एवं गहरीकरण का कार्य किया जाये साथ ही निकाली गई मिट्टी एवं गाद का उपयोग स्थानीय कृषकों के खेतों में किया जाये।
– जल संरचनाओं के किनारों पर जहां संभव हो पौधारोपण किया जाये।
– जल संग्रहण संरचना के पुनरोद्धार/जीर्णाेद्धार के अंतर्गत मुख्य रूप से कैचमंेट क्षेत्र में अवरोध का चिन्हांकन, पानी का रिसाव रोकने, पूर्व निर्मित तालाब के पाल सुधार करना, तालाबों की पिचिंग, बोल्डर टो तथा घाट वेस्ट वियर की मरम्मत का कार्य।