ऋषि तीर्थ परिसर पर चल रहे पंच कल्याणक महोत्सव में गूंजते रहे भगवान के जयघोष
आज मोक्ष कल्याणक के तहत मोक्ष गमन, निर्वाण लाडू सहित अनेक आयोजन होंगे

इंदौर। ए.बी. रोड, डकाच्या पारसनाथ दिगरम्बर जैन मंदिर इन दिनों भगवान महावीर स्वामी, जिनशासन एवं आचार्य गुरूजनों के जयघोष से गुंजायमान एवं भक्तिभाव से लबरेज बना हुआ है। यहां नवनिर्मित जिनालय के पंच कल्याणक महोत्सव में शनिवार को आचार्य प्रसन्न ऋषि म.सा., आचार्य कुमुदनंद म.सा., आचार्य विहर्ष सागर म.सा. एवं आचार्य दयासागर म.सा. ससंघ के सानिध्य में ज्ञान कल्याणक के तहत तप संस्कार, मंत्र न्यास, 230 प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा हेतु आचार्यश्री द्वारा सूरि मंत्र की प्राण प्रतिष्ठा सहित विभिन्न आयोजन सौल्लास संपन्न हुए।इस दौरान अनेक अवसरों पर भगवान के जयघोष गूंजते रहे। महोत्सव का समापन रविवार को मोक्ष कल्याणक के तहत भगवान के मोक्ष गमन, सौधर्म इंद्र द्वारा मोक्ष कल्याणक एवं निर्वाण लाडू के पश्चात विश्व शांति महायज्ञ, शांति पाठ एवं संघ पूजा तथा कलशारोहण, ध्वज अवरोहण के साथ होगा।
गत 25 फरवरी चल रहे पंच कल्याणक महोत्सव के लिए प्राचीन पारसनाथ दिगम्बर जैन मंदिर पर देशभर के समाजबंधु तो एकत्र हुए ही हैं, विद्वान आचार्य और गुरूजन भी पावन सानिध्य प्रदान कर रहे हैं। महोत्सव समिति के मीडिया प्रभारी ऋषभ पाटनी, दिलीप जैन, विमल झांझरी एवं अंकुर पाटनी ने बताया कि अब तक यहां गर्भ कल्याणक, पूर्वाद्ध, उत्तराद्ध, जन्म कल्याण, तप कल्याणक, ज्ञान कल्याणक के आयोजन हो चुके हैं। शनिवार को सुबह 6.30 बजे से जाप अभिषेक एवं शांति धारा, नित्य पूजा, शांति हवन के पश्चात आचार्यश्री के मंगल प्रवचन हुए। आचार्य प्रसन्न ऋषि म.सा. ने इस अवसर पर कहा कि अनंत दर्शन, अनंत ज्ञान, अनंत सुख और अनंत वीर्य के धारी होने से केवल ज्ञान की प्राप्ति होती है। अर्थात ज्ञान में तीनों काल के तीनों लोक के समस्त पदार्थ झलकने लगते हैं और ज्ञान इतना शुद्ध एवं निर्मल हो जाता है तब ज्ञान कल्याणक मनाया जाता है। ज्ञान कल्याणक की पूजा पं. नितिन झांझरी ने कराई। विश्व शांति हवन प्रतिष्ठाचार्य पं. प्रदीप के निर्देशन में हुआ। प्रथम आहारदाता परिवार शैलेन्द्र-दर्शना राव का परिवार रहा। शांतिधारा के लाभार्थी हेमंत जैन रहे। भगवान प्रथम अभिषेक का लाभ अहमदाबाद के विजय लक्ष्मी जैन ने लिया। धार्मिक, सांस्कृतिक भजन में बड़ी संख्या में समाजबंधुओं ने उत्साह से भाग लिया। भगवान की आहार विधि के पश्चात तप संस्कार, मंत्र न्यास, प्रतिष्ठा हवन, सूरि मंत्र, समवशरण उदघाटन आदि के पश्चात संध्या को सांस्कृतिक कार्यक्रम संपन्न हुए।
*आज समापन* – आयोजन समिति के राजकुमार जैन ने बताया कि महोत्सव में रविवार को मोक्ष कल्याणक के तहत महाशांति धारा, भगवान के मोक्ष गमन, मोक्ष कल्याणक पूजा एवं अग्नि कुमार द्वारा अंतिम संस्कार गुण पूजा तथा निर्वाण लाडू के पश्चात विश्वशांति महायज्ञ, ध्वज अवरोहण, शांति पाठ के आयोजन होंगे। संघ पूजा का जुलूस भी निकलेगा। भगवान को श्रेष्ठ मुहूर्त में विराजमान करने के बाद कलशारोहण एवं ध्वजारोहण के बाद वात्सल्य भोज होगा। महोत्सव में शामिल होने दिल्ली, अकोला, उज्जैन, हरिद्वार सहित देश के विभिन्न नगरों से समाजबंधु आए हुए हैं।