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राम जन-जन के आराध्य, मन की पवित्रता के बिनाउनकी भक्ति प्राप्त करना संभव नहीं -भास्करानंदजी


गीता भवन में सात दिवसीय श्रीराम कथा महोत्सव का शुभारंभ-22 को सुबह एवं शाम रंगारंग उत्सव और आतिशबाजी

इंदौर, । राम जन-जन के आराध्य हैं। उनकी मंगलमय भक्ति प्राप्त करने के लिए पहली शर्त है – मन की पवित्रता । रामचरित मानस की प्रत्येक पंक्ति मानव जीवन के लिए हर काल में प्रासंगिक, शाश्वत और उपयोगी है। रामकथा वह कथा है, जो हमारे अंतःकरण से लेकर घर-परिवार, मोहल्ले, समाज और राष्ट्र में सुख और शांति की स्थापना कर सकती है।
ये दिव्य विचार हैं वृंदावन के प्रख्यात संत आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी भास्करानंद महाराज के, जो उन्होंने मंगलवार को गीता भवन स्थित सत्संग सभागृह में गोयल पारमार्थिक ट्रस्ट एवं गीता भवन ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित श्रीराम कथा महोत्सव के शुभारंभ सत्र में व्यक्त किए। कथा शुभारंभ के पूर्व गीता भवन परिसर में राम दरबार मंदिर से रामचरित मानस एवं महामंडलेश्वरजी की शोभायात्रा भी निकाली गई, जिसमें वरिष्ठ समाजसेवी प्रेचमंद गोयल, आनंद-निधि गोयल, गीता भवन ट्रस्ट के अध्यक्ष राम ऐरन, मंत्री रामविलास राठी, श्याम मोमबत्ती सहित अनेक भक्तों ने मानस को मस्तक पर धारण कर व्यासपीठ तक पहुंचाया। भक्तों ने पुष्प वर्षा कर शोभायात्रा का स्वागत किया। सत्संग सभागृह में कथा शुभारंभ के पूर्व श्रीमती कनकलता-प्रेमचंद गोयल, कृष्णा-विजय गोयल, निधि-गोपाल गोयल, अमृता-आशीष गोयल, निधि-आनंद गोयल, स्वाति-अंकित गोयल एवं प्राची-आदित्य गोयल आदि ने व्यासपीठ का पूजन किया। श्रीराम कथा में 17 जनवरी को राम कथा महात्यम, 18 को शिव –पार्वती विवाह, 19 को राम जन्म, 20 को राम –सीता विवाह, 21 को भरत मिलाप एवं 22 जनवरी को सबसे जबर्दस्त उत्सव में हनुमान चरित्र, राम राज्य अभिषेक एंव 56 भोग का विशिष्ट आयोजन होगा। समूचा महोत्सव सभी प्रबुद्ध और निष्ठावान भक्तों के लिए खुला है, लेकिन प्रवेश पहले आएं पहले पाए आधार पर ही संभव होगा।
गीता भवन में श्रीराम कथा का महोत्सव का यह दिव्य आयोजन 22 जनवरी तक जारी रहेगा। रामकथा प्रतिदिन अपरान्ह 4 से सायं 7 बजे तक होगी। इस दौरान साध्वी कृष्णानंद भी उपस्थित रहेंगी। महोत्सव के दौरान गीता भवन स्थित सभी देवालयों, विशेषकर राम दरबार मंदिर में भगवान का आकर्षक श्रृंगार कर प्रतिदिन 56 भोग समर्पित करने की तैयारियां की गई है। महोत्सव में आने वाले हजारों श्रद्धालुओं के लिए यहां विशाल अन्नकूट महोत्सव का आयोजन होगा। 22 जनवरी को अयोध्या के रामलला मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के वक्त यहां भी रंगारंग आतिशबाजी और दीपों से सजावट का अनूठा दृश्य देखने को मिलेगा। इसी दिन संध्या को भी बाहर से बुलाई गई टीम द्वारा आकर्षक आतिशबाजी और अन्य दिलचस्प आयोजन होंगे।
श्रीराम कथा एवं प्रभु श्री राम की महिमा बताते हुए स्वामी भास्करानंद ने कहा कि प्रभु राम का स्वभाव उस मां की तरह है, जो गंदे से गंदे अपने शिशु को नहला-धुलाकर वात्सल्य भाव के साथ दुलारने में संकोच नहीं करती। राम परम सत्य है, जो वर्तमान में भी है, भूतकाल में थे और भविष्य में भी रहेंगे ही। राम और कृष्ण के बिना हम भारतीय संस्कृति और समाज की कल्पना नहीं कर सकते। कथा श्रवण के लिए देहाभिमान से मुक्त होना जरूरी है। हम सबके जीवन में जो कुछ घटित होता है, वह प्रभु राम की इच्छा से ही होता है। यह हम सबके लिए सौभाग्य की बात है कि हम साढ़े पांच सौ वर्षों बाद अपने रामलला के भव्य और नव्य मंदिर में उनकी प्राण प्रतिष्ठा होते देख रहे हैं। इससे बड़ा सौभाग्य भारत भूमि पर और कुछ नहीं हो सकता।

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