
इंदौर। सामान्यत:श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को भद्रा रहित अपरान्ह काल में रक्षा बंधन का पर्व मनाया जाता है,इस वर्ष रक्षा बंधन पर :भद्रा का साया: रहेगा । मध्यप्रदेश ज्योतिष एवम् विद्वत परिषद के अध्यक्ष आचार्य पंडित रामचंद्र शर्मा वैदिक ने बताया की रक्षा पर्व भद्रा समाप्ति के बाद ही प्रदोष काल के उत्तरार्ध में मनाया जाना शास्त्र सम्मत रहेगा। 30 अगस्त बुधवार को प्रातः 10.58 बजे तक चतुर्दशी तिथि है बाद में पूर्णिमा प्रारंभ होगी जो 31 अगस्त गुरुवार को प्रातः7.05 बजे तक रहेगी। भद्रा बुधवार को प्रातः 10.59से रात्रि 9.02 बजे तक रहेगी । 31 अगस्त को पूर्णिमा तिथि प्रातः7.05 बजे तक ही है जो त्रि मुहूर्त व्यापिनी नही है। भद्रा में रक्षा बंधन का पूर्णतः निषेध किया गया है,भद्रा चाहे किसी भी लोक की क्यों न हो । ऐसी स्तिथि में रक्षा बंधन का पर्व *भद्रा समाप्ति के बाद अर्थात30 अगस्त को रात्रि 9 बजकर 02 मिनिट के बाद ही मनाना जाना शास्त्र सम्मत रहेगा । ।31 अगस्त गुरुवार को पूर्णिमा तिथि तीन मुहूर्त से कम है,,।। उक्त तथ्य की ज्योतिर्विज्ञान का प्रमुख ग्रंथ पुरुषार्थ।चिंतामणी ने की है
,..मध्यप्रदेश ज्योतिष एवम् विद्वत परिषद ,भारद्वाज ज्योतिष एवम् आध्यात्मिक।शोध संस्थान के आचार्य पंडित रामचंद्र वैदिक के साथ ही शहर के प्रमुख विद्वजन एवम मठ मंदिरों के सर्वश्री सदगुरु देव अन्ना महाराज,महामंडलेश्वर राधेराधे बाबा,ह्नसदास मठ के पवन दासजी महाराज, ज्योतिर्विद पंडित नंदकिशोर शर्मा,विश्व ब्रह्मण समाज के योगेन्द्र महंत,रणजीत हनुमान मंदिर के दीपेश व्यास,खजराना गणेश मंदिर के अशोक भट्ट,श्री श्री विद्याधामके आचार्य राजेश शर्मा सहित अनेकानेक ज्योतिर्विदों ने अपनी सहमति प्रदान कर रक्षा पर्व 30 अगस्त को भद्रा समाप्ति के बाद ही मनाना शास्त्र सम्मत बताया है। मध्यप्रदेश ज्योतिष एवम् विद्वत परिषद।