अखिल भारतीय कुशवाहा महासभा का अधिवेशन संपन्न
समाज की महिलाओं व युवाओं को समाज की धारा से जोडऩे के लिए चलाऐंगे अभियान
आगामी विधानसभा चुनाव में समाज को प्रतिनिधित्व की उठी मांग
युवाओं को रोजगार एवं महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाऐंगे
इन्दौर। अखिल भारतीय कुशवाहा महासभा द्वारा रविवार को एयरपोर्ट रोड़ स्थित नृसिंह वाटिका में अधिवेशन का आयोजन हुआ। जिसमें सभी समाज बंधुओं की उपस्थिति में राष्ट्रीय एवं प्रदेश अध्यक्ष की मौजदूगी में आगामी विधानसभा चुनाव में समाज के व्यक्ति को प्रतिनिधित्व देने की मांग उठाई गई। इसके लिए कुशवाहा समाज द्वारा आगामी माह में भोपाल में भी शक्ति व एकता का प्रदर्शन कर समाज को प्रदेश की राजनीति में टिकट देने की मांग दोनों ही पार्टियों से की जाएगी।
राष्ट्रीय अध्यक्ष कुशवाहा राकेश महतो एवं प्रदेश अध्यक्ष कुशवाहा नानेश चौधरी ने बताया कि दो दिवसीय कुशवाहा महासभा को अधिवेशन इन्दौर के नृसिंह वाटिका में आयोजित किया गया। जिसमें सभी प्रदेशों व जिला स्तर के प्रतिनिधियों ने इस अधिवेशन में भाग लेकर अपने-अपने विचार व प्रस्ताव भी रखे साथ ही अधिवेशन में सभी प्रतिनिधियों ने कुशवाहा समाज को राजनीतिक में प्रतिनिधित्व मिले इसके लिए भी अपनी आवाज बुलंद की। बैठक में समाज के उत्थान को लेकर भी चर्चा की गई एवं समाज के युवाओं को समाज की धारा से जोडऩे के लिए प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर अभियान चलाने की सहमति बनी। अधिवेशन के दौरान महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने एवं युवतियों को उच्च शिक्षा में सहयोग करने बात भी कही। युवाओं को रोजगार के अवसर देने में भी महासभा के पदाधिकारियों ने एकजुट होकर सहयोग करने की बात कही। कुशवाहा समाज के इस अधिवेशन में बड़वानी, खरगोन, खंडवा, धार, बुरहानुपर, हरदा, इन्दौर और आसपास के जिलों के सैकड़ों प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। बड़ी संख्या में समाज बंधु उपस्थित थे।
प्रदेश अध्यक्ष कुशवाहा नानेश चौधरी ने कहा कि मध्यप्रदेश की 80 विधानसभा सीटों पर कुशवाहा निर्णायक भूमिका में है। अगर ओबीसी सीटों कि समग्र रूप से बात की जाए तो प्रदेश की कुल 142 सीटों पर कुशवाहा अन्य ओबीसी वर्ग के साथ निर्णायक भूमिका है। किंतु कुशवाहा समाज नेतृत्व विहीन होने एवं ओबीसी वोटर में बिखराव के कारण कुशवाहा और ओबीसी की किसी भी राजनीतिक दल में ज्यादा पूछ परख नहीं हो रही है। मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा आबादी होने के बावजूद इस वर्ग का सबसे अधिक राजनीतिक शोषण हुआ है। अगर समस्त कुशवाहा समाज जन (शाक्य, मौर्य, सैनी, मरार, दांगी आदि) एकजुट हो जाए तो मध्यप्रदेश की राजनीतिक की दिशा और दशा बदल सकती है।