इंदौर

भारतीय सोयाबीन अनुसन्धान संस्थान, इंदौर द्वारा सोयाबीन फसल में जैविक कारकों केनियंत्रण हेतु ड्रोन का किया जायेगा प्रयोग

भारतीय सोयाबीन अनुसन्धान संस्थान द्वारा दो ड्रोन क्रय किये

इंदौर।, मध्य प्रदेश. विगत कई वर्षों से सोयाबीन फसल की औसत उत्पादकता लगभग 10-12 क्विंटल/हेक्टेयर पर स्थिर बनी हुई हैं . इसके प्रमुख कारणों में से जैविक कारक जैसे कीट, रोग तथा खरपतवार द्वारा लगभग 50-60 प्रतिशत नुकसान देखा गया हैं. कई बार लगातार होने वाली वर्षा से इसके लिए उपयुक्त रसायनों का छिडकाव तथा समय पर नियंत्रण संभव नहीं हो पाता. अतः इस स्थिति में ड्रोन का प्रयोग एक अच्छा विकल्प हैं. अतः भारत सरकार द्वारा कृषि में मशीनीकरण तथा आधुनिकीकरण को बढ़ावा देने के प्रयासों से भारतीय सोयाबीन अनुसन्धान संस्थान द्वारा हाल ही में दो ड्रोन क्रय किये गए हैं जिनका सफल प्रदर्शन किया गया. इसके लिए संस्थान के निदेशक डॉ के. एच. सिंह ने संस्थान के वैज्ञानिकों एवं कर्मचारियों के साथ साथ सोयाबीन के सभी हितग्राहियों को बधाई प्रेषित की हैं.

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