इंदौरधर्म-ज्योतिष

नवश्रृंगारित मंदिर ‘अन्नपूर्णा लोक’ को निहारने दिनभर में पहुंचे एक लाख से अधिक श्रद्धालु

प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में यज्ञशाला में गूंजने लगी स्वाहाकार की मंगल ध्वनि – सात फरवरी को होगी पूर्णाहुति

इंदौर,  । शहर के पश्चिम क्षेत्र स्थित नवश्रृंगारित अन्नपूर्णा मंदिर पर  शनिवार सुबह  से देर रात तक एक लाख से अधिक भक्तों ने मां अन्नपूर्णा, मां कालिका और मां सरस्वती सहित सभी नूतन प्रतिष्ठापित देवी-देवताओं के दर्शन किए। नवश्रृंगारित अन्नपूर्णा लोक के दर्शन के लिए सुबह से ही लंबी कतारें लगाना पड़ी। इस दौरान मंदिर से जुड़े सेवकों ने चार बिछुड़े हुए बच्चों को उनके माता-पिता से मिलवाया, वहीं तीन गुम हुए मोबाइल भी ढूंढकर उनके मालिकों को सौंपे। उधर, महोत्सव में पांचवें दिन शनिवार को यज्ञशाला में स्वाहाकार की मंगल ध्वनि गूंजने लगी। शुक्रवार को हुए प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव एवं नूतन मंदिर के लोकार्पण कार्यक्रम की मेगा स्क्रीन पर किए जा रहे प्रदर्शन को भी हजारों भक्तों ने देखा। मंदिर को दो हजार से अधिक रंग-बिरंगी विद्युत सज्जा से श्रृंगारित किया गया है, जिसके कारण दूर से ही मंदिर की छटा देखते ही बनती हैष।

            मंदिर ट्रस्ट के प्रमुख विनोद अग्रवाल, गोपालदास मित्तल एवं श्याम सिंघल ने बताया कि  आम भक्तों के लिए खोल दिए गए थे। उसके बाद से ही लगातार भक्तों के आगमन का सिलसिला चल रहा है। बीती रात को यहां की गई रंग-बिरंगी विद्युत सज्जा को निहारने का क्रम देर रात तक चलता रहा, वहीं शनिवार को भी सुबह से मध्य रात्रि तक एक लाख से अधिक भक्तों ने मंदिर आकर दर्शन लाभ उठाया। बड़ी संख्या में दूसरे शहरों के लोग भी मंदिर देखने आ रहे हैं। देवियों के नूतन श्रृंगार को निहारने के लिए कई भक्त दिन में तीन-तीन बार मंदिर पहुंचे। इस दौरान भीड़ में बिछुड़े हुए चार बच्चों को मंदिर के सेवकों ने ढूंढकर उनके पालकों तक पहुंचाया। इसी तरह तीन मोबाइल भी गुम हुए थे, जिन्हें ढूंढकर उनके मालिकों को सौंपा गया। आश्रम के महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरि का अभिनंदन करने के लिए भी आज बड़ी संख्या में शहर के अनेक धार्मिक, सामजिक संगठनों के प्रतिनिधि मंदिर पहुंचे।

            मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में पांचवें दिन स्वाहाकार की मंगल ध्वनि भी गूंजने लगी। आचार्य पं. कल्याणदत्त शास्त्री के निर्देशन में मंदिर के पीछे स्थित यज्ञशाला में 111 विद्वान आचार्य यहां दुर्गा शप्तसती पाठ से आहुतियां समर्पित कर रहे हैं। प्रत्येक विद्वान यहां 700 आहुतियां समर्पित करेंगे

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