इंदौरधर्म-ज्योतिष

ऋषि तीर्थ परिसर के पंचकल्याणक महोत्सव के पात्रों की हल्दी रस्म

इंदौर । ए.बी. रोड लसूडिया परमार स्थित संकटहरण पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर स्थित ऋषि तीर्थ परिसर में नवनिर्मित भव्य जिनालय के पंचकल्याणक महोत्सव का शुभारंभ रविवार को सभी पात्रों को हल्दी लगाने की रस्म के साथ हुआ। इसके साथ ही महोत्सव की मांगलिक क्रियाएं प्रारंभ हो गई। इस मौके पर आचार्य प्रसन्न ऋषि महाराज के अवतरण दिवस पर उनके सानिध्य में पाद प्रक्षालन, पिच्छी परिवर्तन एवं शास्त्र भेंट करने की विधियां भी संपन्न हुई । महोत्सव 3 मार्च तक चलेगा।

        पंच कल्याण महोत्सव समिति के मीडिया प्रभारी ऋषभ पाटनी ने बताया कि पद प्रक्षालन का लाभ धन्याकुमार जैन, पिच्छी परिवर्तन का लाभ अनिल कुमार डोषी, द्रव्य पूजन का लाभ अजीत टाली परिवार ने लिया।  महोत्सव समिति के राजकुमार जैन, विमल झांझरी, दिलीप जैन एवं अंकुर पाटनी ने प्रारंभ में आचार्य प्रसन्न ऋषि म.सा. के अवतरण दिवस पर उनका सम्मान किया।

27 को गर्भ कल्याणक (पूर्वार्ध) में प्रातः 6.30 बजे रथयात्रा, जुलूस मंगल कलशयात्रा के बाद 7:30 बजे से मंडप उद्घाटन, अभिषेक, शांतिधारा,  9:30 बजे आचार्यश्री के प्रवचन, 11 बजे ध्वजारोहण, दोपहर 1 बजे महामंडल आराधना, महायाग मंडल, सायं 6.30 बजे प्रवचन एवं आरती के बाद सायं 7 बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे । 28 फरवरी को सुबह 6.30 बजे से जाप अभिषेक के बाद नवग्रह शांति हवन, 9.30 बजे प्रवचन, 10.30 बजे 81 कलशों से सौभाग्यवती एवं कुवारियो द्वारा मंदिर , वेदी एवं शिखर शुद्धि, दोपहर 1 बजे माता की गोद भराई, सायं 6 बजे प्रवचन, आरती तथा 7 बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। गुरुवार 29 फरवरी को सुबह 6.30 बजे जाप अभिषेक , 8 बजे दिव्य औषधियों से आकार शुद्धि, 9.30 बजे प्रवचन, 10.30 बजे जन्माभिषेक के लिए पांडुकाशिला की ओर जुलूस के रूप में प्रस्थान, दोपहर 1 बजे मंच पर प्रतिमाओं का श्रृंगार, सायं 6 बजे प्रवचन, आरती के बाद सायं 7 बजे से इंद्राणियों द्वारा जिनबालक का श्रृंगार, भगवान का पालना झुलाने एवं बाललीला  आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। 1 मार्च को तप कल्याणक, 2 को ज्ञान कल्याण एवं 3 मार्च को जाप, पंचामृत, अभिषेक, निर्वाण लाडू, प्रातः 8 बजे प्रवचन, विश्व शांति महायज्ञ, दशांश पूर्णाहुति, शांति पाठ, विसर्जन, संघ पूजा के बाद मोक्ष कल्याणक जुलूस और प्रातः 11.32 बजे भगवान विराजमान कर कलशारोहण एवं ध्वजारोहण तथा महामस्तकाभिषेक की रस्मों के बाद दोपहर 12.30 बजे वात्सल्य भोज के साथ समापन होगा।

       मीडिया प्रभारी ऋषभ पाटनी के अनुसार महोत्सव में पधारने वाले सभी आचार्य, मुनियों एवं संघ के मंगल प्रवेश पर उनका गरिमापूर्ण स्वागत किया जाएगा । पंचकल्याणक महोत्सव पूरे विधि विधान से संपन्न होगा। बाहर से आने वाले समाज बंधुओ के लिए समुचित व्यवस्थाएं भी सुनिश्चित की जा रही है। 

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