चार दिन में मिली मां जैसी ममता: झारखंड से सेंधवा आई महिला को मानव सेवा समिति ने मिलवाया परिवार से
वरला रोड पुल के नीचे मिली महिला का हुआ परिवार से मिलन, सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट से संभव हुआ पुनर्मिलन

सेंधवा। मानवता की मिसाल पेश करते हुए मानव सेवा समिति सेंधवा ने एक मानसिक रूप से अस्वस्थ वृद्धा महिला को उसके परिवार से मिलवाकर भावनात्मक पल को जीवंत कर दिया। दरअसल, कुछ दिन पूर्व समिति के सदस्य महेंद्र परिहार को उनके मित्र सुरेंद्र सैनी ने सूचना दी थी कि एक वृद्ध महिला चार दिनों से वरला रोड ब्रिज के नीचे अकेली बैठी है। सूचना मिलते ही परिहार अपने साथियों कालू रेकल और अखिलेश वर्मा के साथ मौके पर पहुंचे और महिला से बात की। महिला ने अपना नाम सरिता बताया, जो देखने में मानसिक रूप से अस्वस्थ लग रही थीं।
महेंद्र परिहार ने घटना की जानकारी मानव सेवा समिति के संचालक निलेश जैन को दी। इसके बाद समिति ने सोशल मीडिया के माध्यम से देशभर में महिला के परिजनों की खोज के लिए संदेश प्रसारित किया। मात्र चार दिन में ही इस प्रयास का परिणाम मिला—झारखंड के रांची के पास पीड़ोदिया गांव से महिला के परिजन मिल गए।
गांव में रहने वाले ब्रजकिशोर साहू का फोन आने पर महिला की वीडियो कॉल के माध्यम से अपनी बहन रबीना से बात करवाई गई। भावनाओं से भरे इस क्षण में दोनों की आंखों से आंसू छलक पड़े। महिला ने कहा, “हमको लेने आ जाओ, हम अपने घर वापस जाना चाहती हूं।” इसके बाद महिला के परिजन झारखंड से 1375 किलोमीटर की दूरी तय कर सेंधवा पहुंचे।
वरला रोड स्थित दुकान के बाहर जब रबीना ने अपनी बहन को देखा, तो दोनों एक-दूसरे से लिपटकर रो पड़ीं। परिजनों ने बताया कि महिला पिछले 16 महीनों से लापता थीं और उन्हें लगातार खोजा जा रहा था। इस मिलन के दौरान परिजनों ने मानव सेवा समिति सेंधवा तथा महिला की देखरेख करने वाली सुमनबाई दावलबेड़ी के प्रति गहरा आभार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि इस बार की दीपावली पूरे परिवार के साथ धूमधाम से मनाई जाएगी। महिला को अपने साथ ले जाने के लिए ब्रजकिशोर साहू, सोनू साहू और भोला साहू झारखंड से 40 घंटे का सफर तय कर सेंधवा पहुंचे। समिति के संचालक निलेश जैन ने इस सेवा कार्य में सहयोग देने वाले सुरेंद्र सैनी, कालू रेकल, अखिलेश वर्मा, रुद्राक्ष परिहार, राजकुमार गुजरती, सुमनबाई, राजेंद्र श्रीवास्तव (मेघनगर) और अजीत जैन (बड़वानी) का विशेष आभार व्यक्त किया।