अंग्रेज व मुगल तो चले गए, पर उनकी शिक्षा पद्धतियां आज भी जारी हैं, -अश्विनी उपाध्याय, सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर में कार्यक्रम: विभाजन की पीड़ा से लेकर फर्जी वोटर आईडी तक उठे मुद्दे

अंग्रेज व मुगल तो चले गए, पर उनकी शिक्षा पद्धतियां आज भी जारी हैं, –अश्विनी उपाध्याय, सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर में कार्यक्रम: विभाजन की पीड़ा से लेकर फर्जी वोटर आईडी तक उठे मुद्दे
इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर में आयोजित कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने विभाजन की विभीषिका, हिंदू जनसंख्या में कमी, फर्जी वोटर आईडी और शिक्षा प्रणाली की खामियों पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि अंग्रेज व मुगल तो चले गए, पर उनकी शिक्षा पद्धतियां आज भी जारी हैं। कई फर्जी वोटर आईडी बनाकर लोग नागरिक बन गए, पर सजा का प्रावधान नहीं है।
मुख्य अतिथि सांसद शंकर लालवानी और अध्यक्ष कुलगुरु डॉ. राकेश सिंघई रहे। राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद् के मनीष देवनानी ने भाषा विकास कार्यों की जानकारी दी।
अतिथि स्वागत संजय नरसिंघानी, संतोष रघुवंशी, प्रकाश खेमानी, निर्मला राजानी, धनेश मोटाई, चंदा खत्री, कैलाश सीतलानी, राज गुलानी, विजय पाहुजा, सरोज भाटिया, जया बालचंदानी, प्रो. अशोक सचदेव, नरेश डेंबला, कमला राजानी, सपना गंगवानी, अशोक राज्यपाल, विजय पंजाबी ने किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से वरिष्ठ समाजसेवी राजा माधवानी, पार्षद कंचन गिद्धवानी, पूर्व पार्षद जवाहर मंगवानी, भजन गायक कमला आहूजा, पूर्व एसीपी हरीश मोटवानी, भारतीय शिक्षण मंडल के लक्ष्मीकांत त्रिपाठी, विमल शर्मा, नरेश फुंदवानी, वरिष्ठ समाजसेवी घनश्याम मलानी, मंशा राम राजानी, दिलीप माटा, धीरज कुण्डल, दिलीप देव, जगदीश फतेहचंदानी, संजय उदानी, लालचंद टी. वाधवानी, सुभाष खुराना, जयपाल दास बजाज और जगदीश बजाज उपस्थित रहे।