बड़वाह। हेल्थ टॉक एवं स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम का हुआ आयोजन…इस वर्ष की थीम “रक्त हम सभी को जोड़ता है: रक्तदान करें, एक जीवन बचाएं।” रही…

कपिल वर्मा बड़वाह। विश्व रक्तदान दिवस के अवसर पर शनिवार को नर्मदा इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग एंड मेडिकल साइंस, बड़वाह एवं श्री दादा दरबार हॉस्पिटल के संयुक्त रूप से “हेल्थ टॉक एवं स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम” का आयोजन किया गया।
इस वर्ष की थीम “रक्त हम सभी को जोड़ता है: रक्तदान करें, एक जीवन बचाएं।” रही। इस आयोजन का प्रमुख उद्देश्य आमजन में नियमित रक्तदान के महत्व को उजागर करना और जीवन रक्षा में इसकी आवश्यक भूमिका पर जनचेतना फैलाना रहा।
कार्यक्रम का संचालन संस्थान के निदेशक डॉ. पवन कुमार कलासुआ एवं प्राचार्या डॉ. (प्रो.) रेशमा कलासुआ के नेतृत्व में संपन्न हुआ। उनके कुशल नेतृत्व एवं प्रेरक मार्गदर्शन ने कार्यक्रम को सार्थकता एवं सफलता प्रदान की। इस आयोजन में संस्थान के समस्त संकाय सदस्यों ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की।
कार्यक्रम समन्वयक राज रतन रघुवंशी (एसोसिएट प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, बाल स्वास्थ्य नर्सिंग विभाग) रहे। कार्यक्रम की मुख्य प्रस्तुति ज्ञानवर्धक हेल्थ टॉक रही। जिसमें रक्तदान के शारीरिक लाभों, आपातकालीन स्थितियों में रक्त की उपलब्धता की आवश्यकता तथा समाज में रक्तदान के प्रति जागरूकता फैलाने जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई।
प्रतिभागियों ने इस सत्र को अत्यंत उपयोगी एवं प्रेरणादायक बताया। नर्सिंग विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत एक प्रेरणात्मक नाटक, जिसने रक्तदान के सामाजिक एवं मानवीय पक्ष को प्रभावशाली रूप से प्रस्तुत किया। इस नाट्य प्रस्तुति ने दर्शकों को भावनात्मक रूप से जोड़ते हुए सेवा, सहयोग और मानवता के मूल्यों को सुदृढ़ किया।
कार्यक्रम के पश्चात नर्सिंग विद्यार्थियों को श्री दादा दरबार हॉस्पिटल, बड़वाह स्थित ब्लड बैंक का शैक्षणिक भ्रमण कराया गया। जहां उन्होंने रक्त संग्रह, परीक्षण, अलगाव, भंडारण एवं वितरण की सम्पूर्ण प्रक्रिया को प्रत्यक्ष रूप से समझा और जाना। यह भ्रमण डॉ. अंतर सिंह भालेकर (डायरेक्टर), डॉ. देवेश बुलबाके (कंसल्टेंट पैथोलॉजी), तथा दिलीप पटेल के पर्यवेक्षण में हुआ।
इस प्रकार यह आयोजन न केवल ज्ञानवर्धक रहा, बल्कि विद्यार्थियों एवं समाज दोनों में स्वास्थ्य, सेवा एवं जागरूकता की भावना को सुदृढ़ करने में भी अत्यंत सफल सिद्ध हुआ।
कार्यक्रम का समन्वयक एसोसिएट मोनिका चांदौरे (सहायक प्राध्यापक, मेडिकल-सर्जिकल नर्सिंग), अंतिमबाला वर्मा, रोहित सोलंकी, जयेश राठौर, मेघा कानूनगों एवं देवकीनंदन रघुवंशी मौजूद रहे।