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सिंदूर शौर्य यात्रा” ने राष्ट्रभक्ति और मातृशक्ति के समन्वय का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया

भारतीय सेना के सम्मान में हजारों बहने हाथों में तिरंगा लेकर, अपने बच्चों को सैनिक, लक्ष्मीबाई, शिवाजी, महाराणा प्रताप की वेशभूषा में लेकर समिल्लित हुई

_”सिंदूर शौर्य यात्रा” ने राष्ट्रभक्ति और मातृशक्ति के समन्वय का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया

_ भारतीय सेना के सम्मान में हजारों बहने हाथों में तिरंगा लेकर, अपने बच्चों को सैनिक, लक्ष्मीबाई, शिवाजी, महाराणा प्रताप की वेशभूषा में लेकर समिल्लित हुई

इंदौर। , मां अहिल्या की नगरी इंदौर में “मां अहिल्या मंच” द्वारा आयोजित ‘सिंदूर शौर्य यात्रा’ आज राष्ट्रभक्ति भाव और भारतीय सेना के प्रति अपने सम्मान भाव के प्रकटीकरण के साथ सम्पन्न हुई। यह यात्रा न केवल भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम के सम्मान में थी अपितु मातृशक्ति की ऊर्जा, चेतना और राष्ट्र के प्रति समर्पण का भी जीवंत प्रतीक बनी।

राजबाड़ा से न्यायप्रिय मां अहिल्या की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर यात्रा प्रारंभ होकर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा (बड़ा गणपति) तक राष्ट्रभक्ति भाव से ओतप्रोत पहुंची। पूरा मार्ग भारतभक्ति और सेना के पराक्रम के जयकारों से गुंजायमान रहा।

नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की प्रतिमा पर सैनिक भाइयों के परिवार का सम्मान और सेना के जवानों का रक्त तिलक मातृशक्ति द्वारा किया गया।

इस अवसर पर डॉ. माला ठाकुर ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम से पूरा विश्व गुंजायमान है। हमें अपनी सेना पर गर्व है। आज सिंदूर शौर्य यात्रा के माध्यम से यहां एकत्रित मातृशक्ति अपने नौनिहालों को वीरांगना और क्रांतिकारियों की वेशभूषा में लेकर सपरिवार समिल्लित हुई है। ये उन आतंकवादियों को संदेश है जिन्होंने हमारी बहनों के माथे का सिंदूर छीना। सिंदूर हमारे लिए आस्था, समर्पण और श्रद्धा का प्रतीक तो है ही साथ ही हमारे आराध्य हनुमान जी महाराज से मिलने वाली ऊर्जा, शौर्य , पराक्रम का भी प्रतीक है।

सीमा पर सेना और भीतर आप और हम राष्ट्र की रक्षा के लिए कटिबद्ध हैं। न्यायप्रिय मां अहिल्या के आंगन से हमारी सर्वे भवन्तु सुखिन: की संस्कृति के संदेश के साथ मां भारती के पराक्रमी सपूत नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की प्रतिमा तक हम भारतीयों के साहस और राष्ट्रभक्ति भाव का प्रतीक है। भारतीय सेना, सैनिक परिवारों और बलिदानियों के प्रति श्रद्धाभाव से, हम सभी की प्राथमिकता में देश हो, हमारे नौनिहालों की प्रेरणा छत्रपति शिवाजी महाराज, राणा सांगा, महारानी लक्ष्मीबाई बने, और हम सभी भारतभक्ति भाव से पुरुषार्थी पीढ़ी जो देश, समाज के लिए सदैव खड़ी हो सके गढ़ने का संकल्प लेकर जाएं।

श्रीमती कीर्ति तिवारी, एड स्वाति उखले, श्रीमती अनिता रघुवंशी, श्रीमती छाया कुवादे, श्रीमती ज्योति राठौर, श्रीमती हिना नीमा, श्रीमती आरती जायसवाल, एड गीतांजलि चौरसिया, श्रीमती संध्या सोनी, श्रीमती वंदना माहौर ने अपने रक्त से तिलक कर देश कि रक्षा में लगे वीरों के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट की। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती संगीता चौहान ने किया। आभार श्रीमती आरती मिश्रा ने माना।

इंदौर की हज़ारों महिलाएं इस आयोजन में पूरे परिवार के साथ समिल्लित हुईं। उनके उत्साह, संकल्प और अनुशासन ने इसे एक ऐतिहासिक क्षण में बदल दिया।

सेना के अधिकारी, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि, विभिन्न क्षेत्रों की प्रमुख महिलाओं के साथ राष्ट्रभक्त समाज यात्रा का साक्षी बना।

इस आयोजन के माध्यम से यह स्पष्ट संदेश गया कि भारत की बहन-बेटियां अपने सिंदूर और देश की रक्षा हेतु पूर्णतः सजग हैं।

 

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