हेम पदम पंचांहिका महा महोत्सव…. तीन दिवसीय अर्हद महापूजन की पूर्णाहुति
सकारात्मक विचार के साथ जीवन को नए आयामो पर पहुंचने के लिए शिक्षा जरूरी

संस्कार और शिक्षा के बल पर आत्म कल्याण
इंदौर। शिक्षा हमारे ज्ञान की वृद्धि करती है और इससे सामाजिक, धार्मिक और व्यक्तिगत विकास निरंतर परिष्कृत होते हुए उच्चतम स्तर पर पहुंचता है, शिक्षा संस्कार के बल पर ही आत्मा का असल कल्याण होता है। शिक्षा के दम पर ही वर्तमान युग उन्नति के नए आयाम पर पहुंच रहा है इसलिए अच्छी और बेहतर शिक्षा को निरंतर ग्रहण करेंगे और सकारात्मक रहेंगे तो जीवन नए आयाम पर पहुंचेगा।
पश्चिम क्षेत्र 60 फीट रोड स्थित शंखेश्वर पार्श्वनाथ नवरत्न धाम मंदिर रतन बाग पर हेम पदम पंचांहिका महा महोत्सव के तीसरे दिन सोमवार को अर्हद महापूजन की पूर्णाहुति पर साधु साध्वी भगवंतो ने व्यक्त किया।प.पू आचार्य मुक्तिसागर जी महाराज, परम पूज्य यशोविजय जी महाराज, पूज्य हेमप्रज्ञा श्री जी महाराज, पूज्य मुक्तिरेखा श्रीजी महाराज, पूज्य अर्चितगुणा महाराज, पूज्य प्रेमलता महापूज्य सूचीप्रज्ञा, मेघवर्षा महाराज, हर्षितप्रज्ञा महाराज पूज्य शीलगुर्णा महाराज आदि की निश्रा में दिव्य आयोजन 20 नवंबर तक जारी रहेगा।आयोजन के मुख्य सूत्रधार दीपक सुराणा, अंकित मारू, कमल सोनी ने बताया कि पांच दिवसीय मुख्य आयोजन का पहला चरण अर्हद महा महोत्सव आज पूर्ण हुआ, सुबह 8बजे शुरू हुए पूजन अर्चन का क्रम दोपहर 4 बजे तक जारी रहा। इसमें महिलाएं बुजुर्ग और युवा बड़ी संख्या में शामिल हुए , शाम को संगीत में भक्ति और संगीत में भजनों की प्रस्तुति आज भी जारी रही। इस अवसर पर प्रमुख रूप से जितेंद्र चौधरी, रवि पीपाड़ा, नमन खाबीया, उमंग पीपाड़ा, सिद्धार्थ सुराना,उमंग सिसोदिया, विकास सकलेचा, कुशल सिसोदिया आदि सेवा कार्यों में जुटे हुए हैं।
सुबह 8 बजे रथ यात्रा, दर्जनो संगठनो की सहभागिता
दीपक सुराणा ने बताया कि मंगलवार को महा महोत्सव के चौथा दिन सुबह 8 से भव्य रथ यात्रा पश्चिम क्षेत्र में निकाली जाएगी। इस यात्रा में बग्गी, सुसज्जित रथ, आकर्षक बैंड के साथ अलग-अलग महिला मंडल समूह एवं जैन समाज के संगठन शामिल हो रहे हैं तकरीबन साढ़े 3 किलोमीटर की रथ यात्रा 60 फीट रोड शंखेश्वर जैन मंदिर रतन बाग से शुरू होकर वीआईपी रोड, रामचंद्र नगर चौराहा, कलानी नगर चौराहा,वेंकटेश नगर होते हुए पुनः रतन बाग जैन मंदिर पहुंचेगी,धर्म सभा का आयोजन भी होगा। बुधवार 20 नवंबर को महा महोत्सव के अंतिम दिन स्नात्र महापूजन व धर्म प्रभावना के विभिन्न आयोजन भी होंगे।