बड़वानी। कलेक्टर ने बैठक में नगर पालिका सीएमओ को कुत्तों की संख्या नियंत्रण, त्वरित रिपोर्टिंग और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के निर्देश दिए
कलेक्टर गुंचा सनोबर ने दिए सख्त निर्देश: बारिश-बाढ़ और आवारा जानवरों पर होगी कड़ी नजर

बड़वानी; रमन बोरखड़े। कलेक्टर गुंचा सनोबर की अध्यक्षता में सोमवार को आयोजित समय-सीमा बैठक में वर्षा, बाढ़ प्रबंधन, सार्वजनिक स्वास्थ्य, नगर विकास और बाल कल्याण जैसे विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई और संबंधित विभागों को कड़े निर्देश दिए गए।
23 जून 2025 कलेक्ट्रेट सभागार में सोमवार को आयोजित समय-सीमा सह अंतर्विभागीय समन्वय बैठक की अध्यक्षता कलेक्टर सुश्री गुंचा सनोबर ने की। बैठक में जिले में हो रहे जानवरों/कुत्तों के हमलों की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताई गई। कलेक्टर ने वन, स्वास्थ्य, नगरीय प्रशासन और पशुपालन विभागों सहित सभी एसडीएम को निर्देश दिए कि संवेदनशील क्षेत्रों में पशुओं का अनिवार्य रूप से वैक्सीनेशन करवाया जाए। स्वास्थ्य विभाग को सीएचसी एवं पीएचसी पर वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
स्वास्थ्य विभाग ने जानकारी दी कि यदि जानवर के काटने पर व्यक्ति 10 मिनट तक बहते पानी से घाव को एंटीसेप्टिक साबुन से धो ले, तो 99% संक्रमण की संभावना कम हो जाती है। नगर पालिका सीएमओ को कुत्तों की संख्या नियंत्रण, त्वरित रिपोर्टिंग और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के निर्देश दिए गए।
अत्यधिक वर्षा और बाढ़ की स्थिति से निपटने हेतु डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट होमगार्ड श्री शरदचन्द्र राय को संवेदनशील क्षेत्रों के भ्रमण और सतत निगरानी के निर्देश दिए गए। जल स्तर बढ़ने की स्थिति में पुल/रपटों पर आवागमन रोकने और संकेतक लगाने के निर्देश भी दिए गए। राय ने बताया कि जिले में वर्तमान में 8 बोट, 6 रनर बोट और 4 डीआरसी टीमें उपलब्ध हैं। कुल 150 ‘आपदा मित्र’ सक्रिय हैं, और 3-3 सदस्यीय दलों की शिफ्ट में तैनाती की गई है।
सभी एसडीएम को निर्देशित किया गया कि वे वर्षा प्रबंधन को लेकर स्थानीय बैठकें लें और तैराकों को चिन्हित करें ताकि आपदा के समय मदद ली जा सके।
प्रमुख निर्देश और विभागीय समीक्षा:
- सीएम हेल्पलाइन: खराब प्रदर्शन वाले विभागों को सख्त निर्देश दिए गए कि वे निरंतर प्रगति दर्शाएं।
- लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग: शिकायतों का उचित उत्तर दर्ज करें। फंड की अनुपलब्धता हो तो उत्तर में इसका उल्लेख करें।
- जल गंगा अभियान: 1227 लक्ष्य में से 1270 कार्य स्वीकृत, 1261 प्रारंभ। 30 जून से पहले कार्य पूर्ण कराने के निर्देश।
- शहरी विकास अभिकरण: जर्जर इमारतें चिन्हित कर समय रहते ध्वस्त करने के निर्देश।
- प्रधानमंत्री आवास योजना: आरआरसी और द्वितीय चरण के आवेदन की निगरानी पर विशेष जोर।
- महिला एवं बाल विकास: हर बच्चे की आंगनवाड़ी उपस्थिति सुनिश्चित की जाए। सीडीपीओ को आंगनवाड़ी केंद्रों की जानकारी होनी चाहिए।
- अपूर्ण आंगनवाड़ी भवन: कुल 447 भवन स्वीकृत, जिनमें 332 पूर्ण, 113 निर्माणाधीन, और 14 अप्रारंभ हैं।
- निजी स्कूलों में पुस्तक बाध्यता: डीपीसी को निर्देश कि बीईओ/बीआरसी यह सुनिश्चित करें कि बच्चों पर निजी किताबें लेने का दबाव न हो।
एक नजर
- बाढ़ प्रबंधन पर जोर: होमगार्ड को जिलास्तरीय तैयारियों के निर्देश, आपदा मित्र सक्रिय।
- कुत्तों और पशु हमलों पर सख्ती: टीकाकरण, वैक्सीन उपलब्धता और जनसंख्या नियंत्रण के निर्देश।
- जल गंगा अभियान की प्रगति: तय लक्ष्यों से अधिक स्वीकृति, समयसीमा में पूर्णता पर बल।
- शहरी विकास में सतर्कता: जर्जर भवनों को समय रहते तोड़ने और पीएम आवास योजना की समीक्षा।
- शिक्षा और बाल विकास पर निगरानी: निजी स्कूलों की पुस्तक बाध्यता पर जांच और आंगनवाड़ी भवनों की समीक्षा।