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बाल साहित्य की रचना करना आसान नहीं- श्री माहेश्वरी

आज के दौर में बच्चों के लिए और ज़्यादा रचनाएँ लिखने की ज़रूरत है

इंदौर से विनोद गोयल की रिपोर्ट:-

इन्दौर। वरिष्ठ लेखिका प्रेम मंगल की बाल कविताओं के संग्रह मेहेर का लोकार्पण क्षेत्रीय कार्यालय जीपीओ सभागार में सोमवार को हुआ।

संस्मय प्रकाशन द्वारा आयोजित पुस्तक विमोचन व सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि पोस्ट मास्टर जनरल बृजेश कुमार जी ने कहा कि ‘आज के दौर में बच्चों के लिए और ज़्यादा रचनाएँ लिखने की ज़रूरत है। साहित्य समाज का मार्गदर्शन करता है।’

कार्यक्रम की अध्यक्षता देवपुत्र के कार्यकारी संपादक श्री गोपाल माहेश्वरी ने की, उन्होंने कहा कि ‘भारत में कवि परंपरा ऋषि परम्परा है, जो मनुष्य है, जो भाव युक्त है उसके भीतर कवित्व मौजूद है। बाल साहित्य पढ़ने में भले आसान लगता है किन्तु इसकी रचना करना कठिन होता है।’

विशेष अतिथि सहायक निदेशक (डाक) श्री राजेश कुमावत ने अपने वक्तव्य में कहा कि ‘कवि शब्द शिल्पी होता है, जो कल्पना से मूर्ति गढ़ता है।’

विमोचन उपरांत प्रकाशन द्वारा लेखिका प्रेम मंगल को दीया मेरी भावना पुस्तक के लिए ‘संस्मय सम्मान 2022’ से सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम का संचालन व स्वागत वक्तव्य मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन अविचल ने दिया एवं आभार वरिष्ठ साहित्यकार रमेश चंद्र शर्मा ने माना।

आयोजन में वरिष्ठ साहित्यकार रविन्द्र पहलवान, वरिष्ठ पत्रकार मुकेश तिवारी, जेपी बजाज, प्रकाश दुबे, दिनेश डोंगरे, मणिमाला शर्मा, जसमीत भाटिया, अतुल तिवारी, सुषमा पटेल, जयश्री राघवेंद्र, श्रीनिवास जोशी, उमेश नीमा, प्रेम बागोरा आदि मौजुद रहे।

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