सीहोर: पंडित प्रदीप मिश्रा की कांवड़ यात्रा में शामिल हुए लाखों श्रद्धालु, सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद
कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने सावन की पावन बेला में कुबेरेश्वर धाम से कांवड़ यात्रा का शुभारंभ किया, वहीं रुद्राक्ष वितरण के दौरान भगदड़ में दो महिलाओं की मौत से माहौल गमगीन।

सीहोर। सत्याग्रह लाइव। कुबेरेश्वर धाम में कथावाचक प्रदीप मिश्रा की अगुवाई में कांवड़ यात्रा का शुभारंभ हुआ, जिसमें एक लाख से अधिक श्रद्धालु शामिल हुए। सावन के इस पावन अवसर पर सीवन नदी से जल भरकर 14 किमी की पैदल यात्रा शुरू हुई, वहीं एक दिन पूर्व रुद्राक्ष वितरण के दौरान भगदड़ में दो महिलाओं की मौत हो गई थी।
कांवड़ यात्रा का शुभारंभ कुबेरेश्वर धाम से
सीहोर स्थित कुबेरेश्वर धाम में बुधवार को प्रसिद्ध कथावाचक प्रदीप मिश्रा के नेतृत्व में कांवड़ यात्रा की शुरुआत हुई। भिलाई में कथा सम्पन्न करने के पश्चात वे सीहोर पहुंचे और यहां शिवभक्तों की विशाल भीड़ के बीच पवित्र कांवड़ यात्रा का शुभारंभ किया। आयोजन में एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं की उपस्थिति दर्ज की गई।
श्रद्धालुओं ने सीवन नदी से जल भरकर किया पैदल मार्च
यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं ने कुबेरेश्वर धाम के समीप सीवन नदी से जल भरकर कांवड़ में भरा और लगभग 14 किलोमीटर की पैदल यात्रा शुरू की। रास्ते भर सड़कों पर भक्तों की लंबी कतारें और वाहनों का जाम देखा गया। जिला प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था के लिए व्यापक इंतजाम किए, जिसमें भारी पुलिस बल की तैनाती की गई।
प्रदीप मिश्रा ने बताया कांवड़ यात्रा का महत्व
मीडिया से बात करते हुए प्रदीप मिश्रा ने कहा कि कांवड़ यात्रा की परंपरा भगवान रावण, भगवान श्रीकृष्ण, परशुराम और भगवान राम से जुड़ी है। उन्होंने बताया कि माता सती और माता पार्वती ने भी इस परंपरा को महत्व दिया था। इस यात्रा का उद्देश्य भगवान शिव को जल अर्पित करना और भक्ति भाव से जीवन को जोड़ना है।
रुद्राक्ष वितरण में मची भगदड़, दो महिलाओं की मौत
कांवड़ यात्रा से एक दिन पूर्व मंगलवार को रुद्राक्ष वितरण के दौरान व्यवस्था बिगड़ गई। भारी भीड़ के दबाव में भगदड़ मच गई, जिसमें दो महिला श्रद्धालुओं की मौत हो गई और लगभग दस अन्य महिलाएं घायल हो गईं। घायलों को तुरंत जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। घटना के बाद कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया और स्थिति को नियंत्रित किया।